ओपी राजभर का मंत्री बनना तय, दारा पर फैसला नहीं, योगी की अमित शाह के साथ बैठक के बाद फैसला

सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर का योगी कैबिनेट में मंत्री बनना तय हो गया है। बुधवार को दिल्ली पहुंचे सीएम योगी ने गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा के साथ बैठक की। बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी दे दी गई है।कहा जा रहा है कि दिवाली से पहले ही कैबिनेट का विस्तार होगा और ओपी राजभर के अलावा दो तीन अन्य लोगों को भी मंत्री बनाया जाएगा। हालांकि दारा सिंह चौहान पर कोई फैसला नहीं हो सका है। सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को मंत्री बनाया जाना है उसमें दारा सिंह चौहान का नाम नहीं है।

दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय विस्तार कार्यालय में सीएम योगी की गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ करीब आधे घंटे तक बैठक हुई। बैठक में योगी मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। यूपी में प्रभारी को लेकर भी बात हुई। कहा जा रहा है कि नवंबर के लास्ट तक यूपी में प्रभारी की नियुक्ति हो जाएगी। इसके साथ ही चार या पांच सह प्रभारी भी बनाए जाएंगे।

भारत समाचार के अनुसार बैठक में मुख्य रूप से योगी मंत्रिमंडल के विस्तार पर चर्चा हुई। बैठक में मंत्री बनने वाले चार पांच नामों पर चर्चा हुई। सूत्रों की मानें तो सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर का मंत्री बनना तय है। उनके नाम पर मुहर लग गई है। ओपी राजभर के साथ ही सपा छोड़कर भाजपा में पहुंचे दारा सिंह चौहान के नाम पर फिलहाल चर्चा नहीं हुई है। दारा सिंह चौहान योगी की पिछली सरकार में मंत्री थे। विधानसभा चुनाव के दौरान सपा में चले गए थे। घोसी से विधायक भी बने।

दारा सिंह चौहान कुछ समय पहले दोबारा भाजपा में लौटे और सपा के साथ ही विधायकी से भी इस्तीफा दिया था। भाजपा ने उन्हें घोसी से ही दोबारा मैदान में उतारा लेकिन वह जीत नहीं सके। तभी से उनके मंत्री बनने पर संदेह जताया जा रहा था। आज की बैठक से तय हो गया है कि जल्द ही यूपी में योगी सरकार का विस्तार हो सकता है। कहा जा रहा है कि दिवाली से पहले ही कैबिनेट का विस्तार होगा।

ओपी राजभर ने एक दिन पहले ही अपने मंत्री बनने का खुद ही ऐलान किया था। कहा था कि सात नवंबर से पहले ही तारीख का भी ऐलान हो जाएगा। अब दिल्ली की बैठक के बाद आ रही खबरें राजभर की बातों पर मुहर लगा रही हैं। हालांकि राजभर ने दारा सिंह चौहान के भी मंत्री बनने का दावा किया था। ओपी राजभर ने 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था। योगी के मुख्यमंत्री बनने पर राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। सीएम योगी से ही तकरार के बाद राजभर को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद राजभर ने सपा के साथ गठबंधन कर लिया। 2022 का चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ा।

चुनाव के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर ही कई तरह के आरोप लगाने लगे और दोबारा भाजपा के साथ गठबंधन करते हुए एनडीए में शामिल हो गए थे। उनके एनडीए में शामिल होने के साथ ही मंत्री बनने की अटकलें शुरू हो गई थीं। इसी बीच दारा सिंह चौहान ने भी इस्तीफा दिया और घोसी में चुनाव का ऐलान होने से मंत्रिमंडल विस्तार टल गया था।

कहा गया कि घोसी में भाजपा की जीत के बाद राजभर और चौहान दोनों नेताओं को मंत्री बनाया जाएगा। लेकिन घोसी में दारा सिंह चौहान के हारते ही मंत्री बनने की उम्मीदों पर पानी फिर गया था। मंत्रिमंडल का विस्तार भी तभी से टलता चला आ रहा है।

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