पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में पांच दशक तक राज करने वाले सपा सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क भले ही आज इस दुनिया में नहीं है, लेकिन बर्क के समर्थकों में उनकी विरासत संभालने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं।लोगों में चर्चा है कि बर्क के जाने के बाद उनकी विरासत को कौन संभालेगा? साथ ही संभल से सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव कौन लड़ेगा? इसको लेकर भी कानाफूसी शुरू हो गई। बतादें कि डॉ. बर्क ने पोते को अपनी विरासत सौंपने की बात कही थी। उन्होंने एक शेर भी कहा था कि पर्दा किया है मैंने, मरा नहीं हूं मैं, खूशबू बनके जिया में महका करूंगा मैं, मजलिस-ए-मुल्क की दीवारों से कह दो, पोते की जुबां से अब चहका करूंगा मैं…। अब वक्त है कि पार्टी जियाउर्रहमान को डा. बर्क की राजनैतिक विरासत को सौंपे। यह बात शुक्रवार को डा. बर्क के तीजे कार्यक्रम में आए उलमा ने मंच से कही। लोगों ने भी इसमें हामी भरी। वहीं पोते जियाउर्रहमान ने कहा कि आवाम की आवाज को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने रखेंगे। पार्टी जैसा कहेगी वैसा करेंगे।सपा सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क के इंतकाल के बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज से पूर्व उनका तीजा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें लोगों की भारी भीड़ रही। तीजे में उलेमा ने फातिहा पढ़ी और लोगों ने दुआ की। फातिहा पढ़ने दूर दराज से आए उलमा ने एक स्वर में पोते जियाउर्रहमान को डा. बर्क की सियासी विरासत सौंपने की बात कही तो लोगों ने भी इसकी हामी भरी। कहा कि समाजवादी पार्टी डा. बर्क का टिकट अब जियाउर्रहमान को दे। विधायक जियाउर्रहमान ने कहा कि हम इस दुख की घड़ी से निकल नहीं पाए है। इससे इतनी आसानी से निकल पाना मुश्किल है। जनाजे में लाखों की भीड़ उनके प्यार को दिखाती है। उन्हें उतनी तकलीफ है तो मैं तो उनका पोता था।जियाउर्रहमान ने कहा कि डा. बर्क ने अपनी जिंदगी में जो वह चाहते थे किया। उन्होंने अपनी जिंदगी में कोई दौलत इकट्ठा नहीं की। मेहनत और ईमानदारी के साथ राजनीति का जो पौधा लगाया था यकीनन वह अपने परिवार को अपनी यह विरासत देना चाहते थे। उसके लिए वह 10-12 वर्षों से लगे थे और 2022 के विधानसभा चुनाव में उनकी कोशिश और जद्दोजहद से मुझे विधायक बनाया। यकीनन अगर लोगों ने अपनी इच्छा का इजहार किया है तो उनकी जो अपनी विरासत मुझे सुपुर्द की है मैं उसे पूरी ईमानदारी और मेहनत से कायम रखूंगा और पूरी जिंदगी उसे आगे बढ़ाने का काम करूंगा। जो भी मेरी आवाम ने इजहार किया है मैं उसके लिए मैं अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात कर उनकी बात रखूंगा। पार्टी जो निर्णय लेगी मैं उसके साथ हूं। हमारी कौम की हालत नाजुक है।
कौम, पार्टी और देश के साथ नहीं करूंगा गद्दारी : जियाउर्रहमान
संभल। कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी अपने दादा और इस्लाम से सीखी है। बीजेपी ने कई मुसलमान विधायकों को खरीदने का प्रयास किया। कई करोड़ रुपये का आफर दिया। मगर कोई मुसलमान विधायक नहीं बिका। अगर कभी ऐसा मौका आया कि सौ करोड़ या एक हजार करोड़ की बोली भी लगी तो जियाउर्रहमान बर्क उस डा. बर्क का पोता है जो कभी नहीं बिकेगा। वह अपनी कौम, पार्टी और देश के साथ कभी गद्दारी नहीं करेगा। वह अपनी आवाम और देश के लिए हमेशा काम करेगा।
टिकट को लेकर पार्टी को करना होगा मंथन
लोकसभा चुनाव को लेकर संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने डा. शफीकुर्रहमान बर्क को टिकट दे दिया था, लेकिन डा. बर्क के निधन के बाद अब सपा को दोबारा उम्मीदवार तय करना होगा। संभल सीट से शहर से सपा विधायक इकबाल महमूद ने दावेदारी तेज कर दी है तो वहीं शुक्रवार को डा. बर्क के तीजे में लोगों ने पोते को विरासत सौंपने की मांग कर दी है। ऐसे में सपा को टिकट देने के लिए काफी मंथन करना पड़ेगा।