सातवें दीपोत्सव पर सीएम योगी की मौजूदगी में अयोध्या ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है।मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या ने नया कीर्तिमान बनाते हुए दीपोत्सव 2023 में 22.23 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए।पिछली वर्ष 2022 में प्रज्ज्वलित 15.76 लाख दीपों से इस बार यह संख्या लगभग छह लाख 47 हजार अधिक रही। ड्रोन से की गई दीपों की गणना के उपरांत दीपोत्सव ने नया कीर्तिमान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अयोध्या के प्रति प्रतिबद्धता ने एक बार फिर इस प्राचीन नगरी को वैश्विक रिकॉर्ड सूची में दर्ज कराया है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस ‘भव्य दीपोत्सव’ को देखा और अंततः एक साथ एक स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में दीप प्रज्ज्वलन को विश्व कीर्तिमान का दर्जा दिया। कीर्तिमान रचने में राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय व इससे जुड़े महाविद्यालयों के शिक्षक, इंटर कॉलेजों के शिक्षक व छात्रों, स्वयंसेवी संस्थाओं की बड़ी भूमिका रही। दीप प्रज्ज्वलन का नियत समय शुरू होते ही ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ के जाप के साथ एक-एक कर 22.23 लाख दीप जलाए गए। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों द्वारा कीर्तिमान रचने की घोषणा के साथ ही पूरी अयोध्या ‘जय श्री राम’ के उद्घोष से गुंजायमान हो उठी।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से ड्रोन की गणना के उपरांत एग्जीक्यूटर स्वप्निल दंगारीकर व कन्सल्टेंट निश्चल बरोट द्वारा जैसे ही यह जानकारी दी गई। इससे पहले विगत वर्ष भी दीप प्रज्ज्वजन का कीर्तिमान रचा गया था। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से प्रमाण पत्र सौंपे जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समूची अयोध्या का अभिवादन किया। 54 देशों के राजनयिक भी इसके साक्षी बने। उन्होंने भी इस अविस्मरणीय, अद्भुत उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हृदय से शुभकामनाएं दीं।
हर दिल में फिर उतरे योगी
2017 में दीपोत्सव के सृजनकर्ता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आयोजन के बाद समूचे देश के दिल में उतर गए। अयोध्या से अपनी गोरक्षपीठ के प्रगाढ़ रिश्तों को मूर्त रूप देते हुए मुख्यमंत्री ने इसे अनवरत जारी रखा। पहले कार्यकाल के बाद दूसरे कार्यकाल के पहले दीपोत्सव में भी जब यह आयोजन समृद्धतम रहा तो दीपों से दिव्य और भावनाओं से भव्य अयोध्या ने अपने योगी को फिर दिल में बैठा लिया।
दीयों को सजाने में लगाए थे हजारों वॉलंटियर्स
दीपोत्सव की तैयारी काफी दिन पहले से शुरू हो जाती है। इसमें हजारों वॉलंटियर्स के सहयोग का सहयोग लिया गया है। इन्हीं के सहयोग से दीपोत्सव का कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है। करीब एक हफ्ता पहले से सरयू घाट पर दीपोत्सव की तैयारियां शुरू हो जाती है। दीपोत्सव के लिए अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान राम 14 सालों का वनवास काटकर जिस दिन वापस अयोध्या लौटे थे उसी दिन अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनके स्वागत में दिवाली मनाई थी। तब से दिवाली की परंपरा चली आ रही है।
अयोध्या में कब कितने जलाए गए दीपक
2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने। इसके बाद से मानो अयोध्या के दिन ही बहुर गए। सीएम योगी की मौजूदगी में रामनगरी में 2017 में पहली बार दीपोत्सव का आयोजन किया गया। उस समय अयोध्या में एक लाख 87 हजार दीपक जलाए गए थे। इसके बाद ये कार्यक्रम हर साल मनाया जाने लगा। 2018 के दीपोत्सव में भी अयोध्या में तीन लाख 11 हजार दीपक जलाए गए, जबकि 2019 में चार लाख 10 हजार दीपक जले। अयोध्या में दीपक जलाने की प्रक्रिया में हर साल बढ़ोत्तरी होती गई और रिकॉर्ड भी बनता चला गया। 2020 में अयोध्या के सरयू घाट पर साढ़े छह लाख, 2021 में नौ लाख 41 हजार और 2022 में 15 लाख 76 हजार दीप जलाए गए। इस बार अयोध्या में 21 लाख दीप जलाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया है।