बच्चे की मौत, टाला जा रहा ऑपरेशन; ईंधन न होने से मुश्किल में गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल

जरायल और हमास के बीच लड़ाई लगातार तेज होती जा रही है। इस बीच गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में ईंधन खत्म हो गया है। वहीं, इजरायल की बमबारी में आईसीयू में काम करने वाला एक शख्स मारा जा चुका है।फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। इसके मुताबिक ऑपरेशंस को भी रोक दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि हालात कल्पना से भी बदतर हैं। उन्होंने कहाकि हम अल शिफा मेडिकल कॉम्पलेक्स के अंदर बंधक जैसे बनकर रह गए हैं।

खतरे में थी बच्चों की जान
अधिकारियों का कहना है कि अस्पतालों पर इजरायल के हमले से मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ मरीजों की जान पर भी खतरा है। बयान में बताया गया है कि आसपास की इमारतों की छतों पर तैनात इजरायली स्नाइपर रह-रहकर गोली चला रहे हैं। इससे अस्पताल के स्टाफ और लोगों का चलना-फिरना मुहाल हो गया है। अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि ईंधन खत्म होने के चलते एक नवजात शिशु को अपनी जान गंवानी पड़ी है। वहीं, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अस्पताल में 39 बच्चों की जान खतरे में थी। मंत्री में अल्काइला ने कहा कि बिजली कटी होने के चलते इन लोगों को दवा और ऑक्सीजन नहीं मिल पाई। पहले मंत्री ने सभी बच्चों के मारे जाने की बात कही थी, लेकिन बाद में बयान में संशोधन करके सिर्फ एक की मौत की बात कही।

इजरायल ने कही यह बात
वहीं, मंत्रालय के इस बयान पर अस्पताल की तरफ से कहा गया है कि यहां न तो बिजली है और न ही इंटरनेट। इसमें कहा गया है कि अगर अभी नहीं तो अगले कुछ घंटों में हम इन बच्चों को बचा नहीं पाएंगे। गाजा अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को अल शिफा अस्पताल के बरामदे में एक मिसाइल गिरी थी। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। वहीं, इजरायल का कहना है कि पिछले महीने देश पर हमला करने वाले हमास आतंकियों ने शिफा हॉस्पिटल के अंदर कमांडा सेंटर बना रखा है। उन्होंने कहा कि हमास से निपटने के लिए अस्पताल को खाली कराना बेहद जरूरी है। हालांकि हमास ने सिविलियंस को ह्यूमन शील्ड के तौर पर इस्तेमाल करने से इनकार किया है।

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