बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी की अटकलें लगने लगी हैं। रालोजपा प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने एक बार फिर इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। जेडीयू के एनडीए में शामिल होने के सवाल पर शुक्रवार को पारस ने कहा कि कम से कम इस महीने का इंतजार कीजिए।समय बलवान होता है। उनके बयान के बाद बिहार का सियासी पारा और चढ़ गया है। इससे पहले बीजेपी की सहयोगी HAM के सुप्रीमो एवं पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने नीतीश के आरजेडी-कांग्रेस का साथ छोड़कर एनडीए में आने के संकेत दिए थे।केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में राजनीति के नए समीकरण के लिए प्रतीक्षा करनी होगी। जेडीयू के एनडीए में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि व्यक्ति बलवान नहीं होता। समय बलवान होता है। कल क्या होगा, यह कौन कह सकता है? अभी प्रतीक्षा कीजिए। कम से कम इस महीने का तो इंतजार कीजिए। बता दें कि पशुपति पारस राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जो एनडीए में है।इससे पहले बीते मंगलवार को भी पशुपति पारस ने नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी का संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि खरमास खत्म हो गया है। सही समय का इंतजार कीजिए। इस महीने के आखिर तक बिहार के लिए अच्छा होगा। पारस ने यह भी कहा कि नीतीश उलझन में हैं, लेकिन वे बिहार के हित में फैसला लेंगे।बता दें कि पिछले कई दिनों से नीतीश कुमार की आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद एवं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से नाराजगी की अटकलें चल रही हैं। मकर संक्रांति के दिन राबड़ी आवास पर आयोजित भोज में सीएम नीतीश मुश्किल से 10 मिनट भी नहीं रुके। उन्हें लालू यादव ने दही का टीका भी नहीं लगाया। वहीं, शुक्रवार को अचानक लालू और तेजस्वी सीएम आवास पहुंच गए। दोनों की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंत्रणा हुई।इस बीच HAM सुप्रीमो पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने ऐसा दावा कर दिया, जिससे बिहार के सियासी महकमे में खलबली मच गई। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि नीतीश कुमार एनडीए में वापसी करने वाले हैं। इसकी भनकर आरजेडी को लग गई है। इसलिए लालू-तेजस्वी उन्हें मनाने सीएम आवास पहुंचे। उन्होंने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायकों को अगले आदेश तक पटना में ही रहने के निर्देश दिए हैं। 25 जनवरी तक राज्य में बड़ी सियासी हलचल मच सकती है।