मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में तैयार किए गए पांच लाख लड्डू पांच ट्रकों में भरकर यहां से अयोध्या के लिए रवाना किया।इस मौके पर सीएम मोहन ने दावा किया कि अयोध्या में पहले वाले मंदिर का निर्माण सम्राट विक्रमादित्य ने करवाया था।सीएम मोहन ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उन लोगों को सद्बुद्धि आनी चाहिए जिन्होंने 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया है। विपक्षी दलों ने प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया है कि अयोध्या का कार्यक्रम राजनीति से प्रेरित है।सीएम मोहन ने कहा कि अयोध्या में (इससे पहले वाले) मंदिर का निर्माण सम्राट विक्रमादित्य ने करवाया था। उन्होंने कहा कि भगवान राम 500 साल के संघर्ष के बाद गर्भगृह में लौट रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को 22 जनवरी को सद्बुद्धि मिले।सीएम मोहन ने अपने मंत्रिपरिषद के सहयोगियों के साथ लड्डू वाले ट्रकों को भगवा झंडे लहराकर रवाना किया। इन पांच ट्रक को भगवान राम की तस्वीरों से सजाया गया था। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि प्रत्येक लड्डू का वजन लगभग 50 ग्राम है और लड्डू की पूरी खेप 250 क्विंटल है।इससे पहले एक-एक लाख लड्डुओं से भरे पांच ट्रक उज्जैन से भोपाल पहुंचे थे। महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचन्द जुनवाल ने बताया, ”मुख्यमंत्री द्वारा यह घोषणा किये जाने के बाद कि मिठाई बाबा महाकाल के प्रसाद के रूप में अयोध्या भेजी जाएगी, पांच दिनों में मंदिर के कम से कम 150 कर्मचारी और सामाजिक संगठनों के लोगों ने इन लड्डुओं को तैयार किया।” उन्होंने कहा कि महाकाल मंदिर परिसर में एक विशेष इकाई है जो लड्डू तैयार करती है।पिछले हफ्ते, सीएम मोहन ने घोषणा की थी कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए उज्जैन मंदिर से पांच लाख लड्डू भेजे जाएंगे। बता दें कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए राज्य से 300 टन बेहतरीन सुगंधित चावल अयोध्या भेजा है।