बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक बार फिर मंच से जुबान फिसल गई। बांका में शुक्रवार को चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने आरजेडी एवं तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला।उन्होंने कहा कि वे बीजेपी के साथ 2005 से सत्ता में हैं और बहुत काम कर रहे हैं। बीच में दो बार उन लोगों (आरजेडी) को अपने साथ डेढ़-डेढ़ महीने के लिए लाए, लेकिन गड़बड़ किया तो फिर हटा दिए। दरअसल, सीएम नीतीश ने डेढ़-डेढ़ साल की जगह डेढ़-डेढ़ महीना बोल दिया। यह पहला मौका नहीं है जब मंच से नीतीश की जुबान फिसली है। पिछले दिनों दो बार उन्होंने एनडीए को 400 के बजाय 4000 सीटें जिताने का दावा कर दिया था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपने भाषण में कहा कि बीजेपी के साथ 1995 से उनका रिश्ता है। नवंबर 2005 से उन्हें बिहार की सत्ता में आने का मौका मिला, तब से वे बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। सीएम ने दावा किया कि वह आगे भी बीजेपी के साथ ही रहेंगे और इधर-उधर नहीं जाएंगे। यहीं पर बोलते हुए सीएम की जुबान फिसल गई और कह दिया कि बीच में दो बार डेढ़-डेढ़ महीने के लिए आरजेडी के साथ हो गए।
पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि आजकल जो लोग अपना प्रचार-प्रसार कर हैं, वे बताएं कि उन्होंने क्या किया है। दो बार उन्हें सत्ता में अपने साथ रखा लेकिन गड़बड़ करने लगे। सब लोग यह बात जानते हैं। चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने आरजेडी शासनकाल की याद लोगों को दिलाई। उन्होंने कहा कि हम जब सत्ता में आए उससे पहले कुछ काम नहीं होता था। लालू यादव को 15 साल मिले, लेकिन कुछ काम नहीं किया। खुद जेल गए तो अपनी पत्नी को सीएम बना दिया। हिन्दू मुस्लिम का झगड़ा होता था। जब हम आए तो सब झंझट खत्म हो गई।
इससे पहले नवादा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 7 अप्रैल को आयोजित जनसभा में भी सीएम नीतीश की जुबान फिसली थी। उन्होंने पीएम मोदी के अबकी बार 400 पार वाले नारे पर बोलते हुए कह दिया कि हमें उम्मीद है इस बार 4 हजार से ज्यादा एमपी इनके पक्ष में रहेंगे। इसके बाद उन्होंने अपनी गलती सुधारी और कहा कि 400 सीटें जीतेंगे। इसके बाद एक अन्य चुनावी रैली में भी उन्होंने 400 के बजाय 4 हजार सीटें जिताने की बात कही थी।