बिहार में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की पांच सीटों पर प्रचार जोर पकड़ चुका है। तीन सीटें कांग्रेस लड़ रही है जबकि दो सीटें लालू यादव का राष्ट्रीय जनता दल लड़ रहा है। लेकिन राज्य में महागठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव कांग्रेस को मिली किसी भी लोकसभा सीट पर अब तक एक बार प्रचार करने नहीं गए हैं।तेजस्वी ने पिछले 14 दिनों में 46 चुनावी सभाएं की हैं लेकिन एक भी सभा ऐसे क्षेत्र में नहीं हुई जहां कांग्रेस लड़ रही है। तेजस्वी यादव तीसरे चरण की खगड़िया सीट पर सीपीएम और चौथे चरण की बेगूसराय सीट पर सीपीआई तक के लिए वोट मांग कर आ चुके हैं लेकिन दूसरे चरण में तीन सीटों पर लड़ रही कांग्रेस को उनका इंतजार है।
पहले चरण की चार सीटों पर आरजेडी लड़ रही थी जिनके लिए प्रचार करने कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं आया। बिहार में कांग्रेस के चुनाव प्रचार की शुरुआत ही दूसरे चरण से हुई है। पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शुक्रवार को किशनगंज और कटिहार आए लेकिन तेजस्वी नहीं गए। इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष का राज्य में पहला चुनावी कार्यक्रम था लेकिन एकजुटता का सांकेतिक प्रदर्शन तक करने से तेजस्वी ने परहेज किया। तेजस्वी शुक्रवार को बांका, पूर्णिया, दरभंगा और उजियारपुर गए जहां से आरजेडी लड़ रही हैं।
कांग्रेस और आरजेडी के बीच लोकसभा सीट बंटवारे में काफी झिकझिक हुई थी। पूर्णिया और कटिहार सीट तो भयानक तनाव का कारण बन गई। कांग्रेस को लालू ने काफी तरसाकर 9 सीट दिए जिससे दोनों पार्टी के काफी नेता नाराज हो गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे अनिल शर्मा इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। तेजस्वी की पार्टी में भी बगावत हुई। पूर्व सांसद देवेंद्र प्रसाद यादव, अशफाक करीम और बुलो मंडल राजद छोड़ गए। इन सबकी सीट वीआईपी और कांग्रेस को चली गई है। अशफाक करीम और बुलो मंडल तो अब नीतीश कुमार की जेडीयू में भी शामिल हो गए हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में पहली रैली करने शनिवार को भागलपुर आ रहे हैं। भागलपुर दूसरे चरण की वो तीसरी सीट है जहां से कांग्रेस लड़ रही है। किशनगंज और कटिहार में खरगे की रैली हो गई। खरगे की सभा तो तेजस्वी ने मिस कर दी। लेकिन राहुल गांधी की सभा में तेजस्वी के आने या नहीं आने से महागठबंधन के अंदर कांग्रेस और आरजेडी की लेटेस्ट केमिस्ट्री साफ हो सकती है।