भारत के साथ व्यापार करने के लिए बेचैन है पाकिस्तान, क्या फिर शुरू होगा ट्रेड? कहां आ रही अड़चन
अपनी खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए पाकिस्तान लगातार हाथ पैर मार रहा है। अब पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार में विदेश मंत्री और नवाज शरीफ के समधि इशाक डार ने भारत के साथ फिर से व्यापार शुरू करने की बातचीत पर जोर दिया है।शहबाज शरीफ के मंत्री का यह बयान इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ फिर से व्यापारिक संबंधों की शुरुआत करने को आतुर है। बीते सालों में ऐसा देखा गया है पाकिस्तान के मंत्री अक्सर भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को शुरू करने के लिए जोर दे चुके हैं। पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल में किसी अन्य देश में विदेश मंत्री एस जयशंकर को रोककर उनसे प्याज और टमाटर पाकिस्तान भेजने की गुहार लगा चुके हैं। मगर भारत ने हमेशा देश की सुरक्षा को पहली तरजीह दी है। भारत हमेशा से कहता रहा है कि दोस्ती और आतंकवाद को पनाह एक साथ संभव नहीं हो सकते है।भारत के साथ व्यापर को आतुर पाकिस्तान
डार ने पहली बार पिछले महीने लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने की संभावना का संकेत दिया था। उनका विचार था कि पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापार संबंधों की बहाली चाहता है। उनके बयान की विपक्षी दलों और आलोचकों ने आलोचना की। हालांकि, डार ने गुरुवार को अपनी पिछली टिप्पणियों का बचाव करते हुए कहा कि कई व्यापारियों ने उन्हें बताया कि वे किसी तीसरे देश के माध्यम से भारत से सामान आयात कर रहे थे, जिससे उन्हें अधिक लागत आती थी इसलिए वे दोनों देशों के बीच सीधे व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने के पक्ष में थे।पाकिस्तान के साथ और बिगड़े हालात
अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर क्षेत्र की विशेष स्थिति को रद्द करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान से व्यापारिक संबंधों में और खटास आ गई थी। तब से पाकिस्तान ने लगातार कहा है कि भारत के साथ पहले जैसे व्यापारिक संबंधों को बहाल करने के बाद ही स्थिति सामान्य होगी। हालांकि, पहले भी व्यापार को आंशिक रूप से फिर से खोलने के प्रयास किए गए थे। पहली बार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के समय और दूसरी बार पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के समय स्थिति को सुधारने की कोशिश की गई थी।पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून की मानें तो मार्च 2021 में पाकिस्तानी कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने भारत के साथ व्यापार को आंशिक रूप से फिर से खोलने की अनुमति दे दी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ईसीसी निर्णय को मंजूरी दी। हालांकि, कुछ सदस्यों द्वारा इस कदम को राजनीतिक आत्महत्या बताए जाने के बाद इमरान खान ने संघीय कैबिनेट में प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।क्या है भारत का रुख
पाकिस्तान भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को सुधारने के लिए कितना भी हाथ-पैर ले मगर भारत का रुख नहीं बदलेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर कई बार इस बात को साफ कर चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ दोस्ती तभी संभव होगा जब आतंकवाद को लेकर पड़ोसी देश गंभीर होगा।