चांद पर ना सिर्फ चहलकदमी बल्कि धूल से बन सकती है धरती पर सड़क, चौंकाने वाला दावा

स्पेस साइंटिस्ट लगातार इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि चंद्रमा पर किस तरह इंसानों की रिहाइश की जा सकती है लेकिन क्या धरती के किसी हिस्से पर चांद को उतारा जा सकता है.यह अपने आप में आश्चर्य वाली बात होगी जिसके बारे में आपकी राय यह हो सकती है कि यह सिर्फ कल्पना मात्र है लेकिन इसकी संभावना है.

शोधकर्ताओं का दावा
जर्मनी के प्रूफ ऑफ कंसेप्ट स्टडी में शोधकर्ताओं का कहना है कि सौर ऊर्जा की मदद से चांद पर मौजूद धूल को सड़कों में बदला जा सकता है. इसकी मदद से धरती पर सड़कों का निर्माण हो सकता है. बर्लिन स्थित फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ मैटेरियल्स रिसर्च एंड टेस्टिंग के प्रोफेसर जेंस गुंस्टर के मुताबिक ऐसा संभव है. चांद की सतह पर सड़कें लेकिन उसकी जरूरत किसे है. उनके मुताबिक इस तरह की मांग पर विचार करना जल्दबाजी है. चांद की सतह पर लूज मैटिरियल है, वहां ना तो वातावरण और ना ही ग्रेविटी है और इसकी वजह से वहां सिर्फ धूल ही धूल है. इसकी वजह से ना सिर्फ हमारे औजार संक्रमित होंगे बल्कि दूसरे देश भी प्रभावित होंगे. कोई भी इस बात से प्रसन्न नहीं होगा उसके रॉकेट धूल से सने हों. स्टडी में इस बात पर जिक्र किया गया है कि आने वाले लूनर मिशन के लिए मौके पर यानी उसी जगह तकनीक के विकास पर काम किया जाए.

अभी और शोध की जरूरत
12 अक्टूबर को प्रकाशित एक लेख में इस बात पर बल दिया गया है कि सौर ऊर्जा की मदद से मून के रेगोलिथ को गलाया जाए. हालांकि सौर ऊर्जा की जगह उच्च क्षमता वाले कॉर्बन डाइ ऑक्साइड को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि चंद्रमा के इन बड़े क्षेत्रों को इन नमूनों से ढका जा सकता है और सड़कों और लैंडिंग पैड के रूप में काम किया जा सकता है, जिससे चांद के धूल का धूल का प्रसार कम हो जाएगा. शोधकर्ताओं का कहना है कि हालांकि इस विषय पर और अधिक शोध की जरूरत है, जब आप किसी एलियन प्लेनेट या उपग्रह से कोई पदार्थ धरती पर लाएंगे तो यह देखना जरूरी होगा कि उसमें कोई प्रदूषक तत्व या वायरस तो नहीं हैं. अगर चांद की धूल में प्रदूषक तत्व मिले तो उसे दूर करना भी जरूरी होगा.

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