पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन में तनातनी की स्थिति है। इस बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना देश की उत्तरी सीमाओं पर किसी भी स्थिति से निपट सकती है।उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ सेक्टर में आतंकी गतिविधियों में हाल के दिनों में बढ़ोतरी हुई है। सेना उत्तरी सीमाओं पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार और सक्षम है। हमने उन इलाकों में अपनी क्षमताएं बढ़ाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।’दरअसल, भारत और चीन की बीच मई, 2020 से ही सैन्य गतिरोध की स्थिति है। इसे बातचीत के जरिए हल करने के प्रयास जारी हैं मगर अभी तक सफलता नहीं मिली है। दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है। गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा (पीपी-17A) और हॉट स्प्रिंग्स (PP-15) से चार दौर की वापसी हुई है। इसके बावजूद, भारतीय और चीनी सेनाओं के हजारों सैनिक लद्दाख में हथियारों के साथ तैनात हैं।
राजौरी-पुंछ सेक्टर में और अधिक सैनिक भेजे
भारतीय सेना ने संवेदनशील इलाकों में बढ़ते आतंक को देखते हुए राजौरी-पुंछ सेक्टर में और अधिक सैनिक भेजे हैं। साथ ही वहां पर एक्टिव अपनी यूनिट्स को फिर से संगठित किया है। आतंकवाद रोधी अभियानों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए खुफिया नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है। घाटी में आतंकवाद 21 दिसंबर को फिर से सुर्खियों में आ गया जब घात लगाकर किए गए हमले में 5 जवान शहीद हो गए। पिछले साल कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों में 7 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि राजौरी-पुंछ सेक्टर में 20 सैनिकों की शहादत हुई थी।
‘नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम मगर…’
लखनऊ में आयोजित 76वें सेना दिवस परेड को संबोधित करते हुए पांडेय ने कहा, ‘नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम है मगर घुसपैठ की कोशिशों से यह स्पष्ट है कि सरहद पार आतंकी ढांचा अब भी बरकरार है। घुसपैठ की कोशिशों को हमारी सेना ने पूरी सतर्कता से विफल कर दिया है।’ सेना प्रमुख ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों के लगातार मजबूत प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में हिंसा में काफी कमी आई है। हम देश से आतंकी नेटवर्क को उखाड़ने और खत्म करने के लिए सभी हितधारकों के साथ प्रतिबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं।
क्षमता विकसित करने के लिए उठाए कदम: सेना अध्यक्ष
सेनाध्यक्ष ने कहा, ‘उत्तरी सीमाओं पर अपनी क्षमता विकसित करने के लिए हमने कई ठोस कदम उठाए हैं। हाल में आपातकालीन खरीद के प्रावधानों के माध्यम से हमने कई आधुनिक उपकरणों की आपूर्ति की है, जिसमें विशिष्ट तकनीक वाले हथियार शामिल हैं। हमारी प्राथमिकता प्रयासों और अन्य एजेंसियों के सहयोग से सीमा पर बुनियादी ढांचे को और मजबूत करना होगा।’ शुरुआत में राष्ट्र की रक्षा में अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा, ‘उनके बलिदान और शौर्य की गाथा हमें सदैव प्रेरित करती रहेंगी।’