प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। पीएम मोदी और पुतिन एक-दूसरे को अपना अजीज मित्र बताते हैं। दोनों नेताओं ने आगामी ब्रिक्स सम्मेलन, यूक्रेन युद्ध से लेकर कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।बता दें कि फरवरी 2022 को यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के देश का दौरा नहीं किया है। हालांकि फोन पर कई बार बातचीत हुई है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में कहा, “राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत हुई। हमने अपनी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की। साथ ही दोनों देशों के सुनहरे भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार करने पर सहमति व्यक्त की। रूस की अध्यक्षता वाले ब्रिक्स सहित विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी हमारे बीच उपयोगी विचारों का आदान-प्रदान हुआ।”प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा, “दोनों नेताओं ने रूस और भारत के बीच द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर समीक्षा की। उन्होंने दोनों देशों के विकास का मूल्यांकन किया और भारत-रूस रिश्तों को और मजबूत करने के लिए भविष्य में एक रोडमैप विकसित करने पर सहमति व्यक्त की।पीएमओ ने कहा, दोनों नेताओं ने आपसी हितों के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बात की। पीएम मोदी ने 2024 में ब्रिक्स की अध्यक्षता के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन को शुभकामनाएं दीं और भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। दोनों नेता भविष्य में भी संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए हैं।
यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा
दूसरी ओर, क्रेमिन ने एक बयान में कहा, ”दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने में रुचि व्यक्त की है। ”यूक्रेन की मौजूदा स्थिति” पर भी चर्चा हुई है। क्रेमलिन ने एक बयान में कहा कि यह प्रशंसनीय है कि यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने अपने पुराने सहयोगी रूस के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे हैं, जबकि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ भी मजबूत संबंध जारी रखे हैं।
बता दें कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के देश का दौरा नहीं किया है लेकिन फ़ोन पर कई बार बातचीत हुई है। पिछले महीने ही विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत और रूस के बीच होने वाली सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को का दौरा किया था। जबकि, इस वार्षिक बैठक में पीएम मोदी को शामिल होना था।