बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार के मूड चेंज की अटकलों के बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक और लालू यादव के करीबी भाई वीरेंद्र ने ऐसा बयान दिया है जिससे जेडीयू चिढ़ सकती है।भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कुछ नेताओं की इसी तरह की बयानबाजी की वजह से नीतीश ने 2022 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को छोड़कर महागठबंधन में वापसी की थी। भाई वीरेंद्र ने पटना में सोमवार को दही-चूड़ा भोज के बाद पत्रकारों से कहा कि लालू के आशीर्वाद से नीतीश मुख्यमंत्री हैं। आरजेडी नेता ने कहा- “79 विधायक हमारे हैं और नीतीश सीएम हैं। लालू जी का आशीर्वाद है तब न वह सीएम हैं।”
2022 में नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी का हाथ पकड़ा था। उसके बाद जेडीयू अध्यक्ष रहे ललन सिंह ने एनडीए गठबंधन से निकलने के लिए चिराग पासवान समेत कुछ कारण गिनाए थे। उनमें एक ये भी था कि बीजेपी के छोटे-छोटे नेता बयान दे रहे थे कि कम सीट जीतने के बाद भी नीतीश बीजेपी की कृपा से मुख्यमंत्री बने हैं। ललन सिंह ने कहा था कि बीजेपी नेतृत्व को इस तरह की बयानबाजी रोकने के लिए कहा गया था लेकिन वो रुका नहीं। चिराग पासवान की पार्टी का जेडीयू की सीटों पर लड़ना नीतीश ने उनकी सीटें घटाने के लिए बीजेपी के गेमप्लान की तरह लिया। उसके ऊपर से हमारी मेहरबानी से सीएम बने जैसे बयान आ रहे थे और नीतीश चिढ़ रहे थे।
आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने खरमास खत्म होने के पहले दिन ही यह कहकर कि 79 विधायकों की पार्टी के नेता लालू यादव के आशीर्वाद से नीतीश कुमार सीएम हैं, माहौल गर्मा दिया है। लगातार यह अटकल लग रही है कि खरमास के बाद बिहार में बड़ा खेल हो सकता है। इंडिया गठबंधन की स्पीड और काम के तौर-तरीकों से पहले ही जेडीयू नाराज है। महागठबंधन में सीट बंटवारा पर सस्पेंस ही चल रहा है। ऐसे माहौल में आरजेडी विधायक की ऐसी भाषा नीतीश को और चिढ़ा सकती है। भाई वीरेंद्र का बयान बीजेपी नेताओं की कृपा और मेहरबानी जैसे बयानों की याद दिलाता है। नेताओं के चिढ़ाने वाले बयानों का खामियाजा बीजेपी ने बिहार में सरकार गंवाकर उठाया है।