अर्जुन मोढवाडिया ने भी छोड़ी कांग्रेस, गुजरात इकाई में भूचाल, 24 घंटे में दूसरा इस्तीफा

गुजरात कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढवाडिया ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। बीते 24 घंटे में गुजरात कांग्रेस से यह दूसरा इस्तीफा है। बताया जाता है कि मोढवाडिया अयोध्या राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराए जाने के फैसले से आहत थे।जनवरी महीने में उन्होंने खुलकर इस मसले पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के फैसले की आलोचना की थी। मोढवाडिया ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि भगवान श्री राम हमारे आराध्य हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का मामला है। कांग्रेस को ऐसे फैसले से बचना चाहिए। उनका कहना है कि उन्होंने शीर्ष नेतृत्व तक बात पहुंचाने की कोशिश की थी।विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और राज्य पार्टी इकाई के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने सोमवार को विधानसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। पोरबंदर के विधायक ने गांधीनगर में गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। स्पीकर के कार्यालय ने पुष्टि की कि चौधरी ने मोढवाडिया का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। मोढवाडिया के इस्तीफे के साथ ही 182 सदस्यीय विधानसभा में विपक्षी दल की ताकत घटकर 14 रह गई है।गुजरात कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में भी अयोध्या राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराए जाने के फैसले का जिक्र किया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि जैसा कि आप जानते होंगे 11 जनवरी 2024 को, जब कांग्रेस नेतृत्व की ओर से अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया गया था, तब भी मैंने अपनी असहमति व्यक्त की थी।मोढवाडिया ने आगे लिखा- प्रभु राम सिर्फ हिंदुओं के पूजनीय नहीं हैं, वरन वे भारत की आस्था हैं। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण अस्वीकार करके भारत के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। एक पार्टी के रूप में कांग्रेस लोगों की भावनाओं का आकलन करने में विफल रही है। मैं ऐसे कई लोगों से मिला हूं जो इस बात से आहत थे कि कांग्रेस ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का बहिष्कार करके भगवान राम का अपमान किया। इस पवित्र अवसर को और अपमानित करने के लिए, राहुल गांधी ने असम में हंगामा खड़ा करने का प्रयास किया, इससे देशवासियों में नाराजगी बढ़ी।

मोढवाडिया ने कहा- पिछले कुछ वर्षों से मैं अपने जिले पोरबंदर और गुजरात राज्य के लोगों के लिए योगदान देने में खुद को असहाय महसूस कर रहा हूं। इसलिए भारी मन से कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। एक ऐसी पार्टी जिसके साथ मैं पिछले 40 वर्षों से जुड़ा हूं और जिसके लिए मैंने अपना पूरा जीवन दिया है। मैं पिछले चार दशकों में मेरे प्रति स्नेह के लिए पार्टी नेतृत्व और उसके कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।कांग्रेस से इस्तीफे के बाद अर्जुन मोढवाडिया ने सवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा- जब कोई पार्टी लोगों से अपना संपर्क खो देती है तो वह लंबे समय तक टिक नहीं पाती है। देश की जनता चाहती है कि राम मंदिर का निर्माण हो। कांग्रेस ने भी कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करेगी। फिर भी प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया गया। मैंने तब भी कहा था कि इससे जनभावनाएं आहत होंगी। मैंने अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन मैं सफल नहीं हो सका। आखिरकार मैंने आज इस्तीफा देने का फैसला किया है।गुजरात के सबसे वरिष्ठ और प्रभावशाली विपक्षी नेताओं में से एक मोढवाडिया ने 2022 के चुनावों में पोरबंदर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के दिग्गज बाबू बोखिरिया को शिकस्त दी थी। गौर करने वाली बात यह भी कि मोढवाडिया का इस्तीफा ऐसे समय हुआ है जब राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 7 मार्च को गुजरात में प्रवेश करने वाली है। बीते 24 घंटे के दौरान गुजरात कांग्रेस के भीतर यह दूसरा इस्तीफा है। इससे पहले गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेर ने कांग्रेस छोड़ दी थी। यही नहीं उन्होंने भाजपा का दामन भी थाम लिया।

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