अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की हालिया हिमाकत को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सीमा पर भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी से तैनात है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ कई मुद्दों पर बातचीत भी जारी है।कोशिश की जा रही है कि शांतिपूर्ण तरीके से बाकी मुद्दों का हल निकले। देश के शीर्ष कमांडर्स के बाइएनुअल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, डिसइंगेजमेंट और डीएस्केलेशन की प्रक्रिया चल रही है।
बता दें कि हाल ही में चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों के नए नाम दिए हैं। इसपर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा था कि नाम बदलने से कोई क्षेत्र उनका नहीं हो जाएगी। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा स्थिति भारतीय सेना ने बहुत अच्छी तरह संभाल रखी है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में पिछले चार सालों से चीन और भारत के बीच गतिरोध की स्थिति है। कई चरणों की बातचीत के बाद अभी विवाद का पूरा हल नहीं निकल पाया है।
अब भी जारी है छद्म युद्ध- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमापार से होने वाली आतंकी घटनाओं को रोकने में भारतीय सेना को बड़ी सफलता मिली है। हालांकि अब भी सरहद के उस पार छद्म युद्ध जारी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से सेना, सशस्त्र पुलिस बल और स्थानीय पुलिस मिलकर आतंकवाद से निपट रही है, वह सराहनीय है। होली के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सैनिकों से मिलने लेह और लद्दाख पहुंचे थे।
19 फरवरी को दोनों देशों के बीच 21वें चरण की सैन्य वाराता हुई थी। दोनों ही देश एलएसी को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत जारी रखने पर सहमत हैं। हालांकि इस बैठक में कोई बड़ी समझौता नहीं हो पाया। गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स (PP-15) पर दोनों देशों के बीच अब भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। दोनों ही तरफ से हजारों सैनिक तैनात हैं। इसके अलावा आधुनिक और अडवांस हथियारों की तैनाती की गई है। देपसांग और डेमचोक को लेकर अब भी बातचीत चल रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तरी सीमाओं के सड़क संचार में बड़ा सुधार आया है और इसके पीछे बीआरओ का ही बड़ा हाथ है। उन्होंने कहा कि रक्षा और सुरक्षा को इस ऊंचाई पर ले जाने के लिए सेना के नेतृत्व की सराहना की जानी चाहिए।