अपनी संसद में पूर्व नाजी सैनिक का खड़े होकर स्वागत करने वाली कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार अब दबाव में है। दबाव उन पूर्व नाजियों का नाम उजागर करने की है जो कनाडा में रहे हैं। कहा जाता है कि यहूदियों का कत्लेआम करने वाले कई पूर्व नाजी कनाडा में रहे हैं।
इसको लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को कहा कि वरिष्ठ नौकरशाह डेसचेन्स आयोग की रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे हैं। यह रिपोर्ट 1980 के दशक की एक स्वतंत्र जांच रिपोर्ट है। आयोग ने कनाडा में कथित नाजी युद्ध अपराधियों की जांच की थी। अब इस आयोग की रिपोर्ट को अधिक सार्वजनिक करने के उद्देश्य से ट्रूडो सरकार फूंक-फूंककर कदम रख रही है।
पूरी दुनिया में फजीहत
नाजियों का सम्मान करने को लेकर कनाडा की पूरी दुनिया में फजीहत हो रही है। अपनी संसद के अलावा, हाल ही में कनाडा के गवर्नर जनरल मैरी साइमन ने भी एक पूर्व नाजी सैनिक को सम्मानित किया था। कनाडा के गवर्नर जनरल ने अल्बर्टा विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर पीटर सावरिन को ऑर्डर ऑफ कनाडा से सम्मानित किया। हालांकि अब उन्होंने इसके लिए खेद जताया है। साइमन के एक प्रवक्ता ने कहा, “उनकी नियुक्ति से हुई किसी भी परेशानी या पीड़ा के लिए हम कनाडाई लोगों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं।”
कनाडा सरकार सावरिन को पहले दिए गए गोल्ड और डायमंड जुबली मेडल की भी जांच कर रही है। बता दें कि पीटर सावरिन भी यारोस्लाव हंका की तरह नाजी यूनिट में कार्यरत थे जिसने हिटलर के समय यहूदियों का नरसंहार किया था। यारोस्लाव हंका को हाल ही में कनाडाई संसद में खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया गया था। बाद में कनाडा ने माफी मांगी और यहां तक कि स्पीकर को अपने पद से इस्तीफा तक देना पड़ा।
नाजियों के नाम कभी जारी नहीं किए
सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री ब्रायन मुल्रोनी के कार्यकाल के दौरान कनाडा में नाजियों का ब्यौरा देने वाली डेसचेन्स आयोग की अंतिम रिपोर्ट 1986 में जारी की गई थी और इसमें दो भाग शामिल हैं। पहला, जिसमें युद्ध अपराधियों के प्रत्यर्पण को आसान बनाने की सिफारिशें शामिल थीं। इसे सार्वजनिक रूप से जारी किया गया था। दूसरे को गुप्त रखा गया और कनाडा में कथित नाजियों के नाम कभी जारी नहीं किए गए।
बनी ब्रिथ और फ्रेंड्स ऑफ साइमन विसेन्थल सेंटर (एफएसडब्ल्यूसी) सहित यहूदी समूहों ने कहा है कि दूसरे भाग को सार्वजनिक रूप से जारी किया जाना चाहिए ताकि ताकि कनाडाई द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अनगिनत संख्या में नाजी सहयोगियों को स्वीकार करने के देश के शर्मनाक इतिहास के बारे में अधिक जान सकें।
2,000 नाजी कनाडा आए?
उन्होंने कहा है कि हुंका मामले के मद्देनजर कनाडा को युद्ध के बाद के उन संदिग्ध फैसलों पर विचार करने की जरूरत है, जिन्होंने हुंका और उसके जैसे अन्य लोगों को कनाडा में बसने की अनुमति दी थी। ट्रूडो ने संवाददाताओं से कहा, “शीर्ष लोक सेवक इस मुद्दे को बहुत सावधानी से देख रहे हैं, जिसमें अभिलेखागार की जांच भी शामिल है। हम सिफारिशें करने जा रहे हैं।”
रिपोर्टों से पता चलता है कि हिटलर के वेफेन-एसएस के लगभग 2,000 यूक्रेनी सदस्यों को युद्ध के बाद कनाडा में लाया गया था। आयोग ने कहा कि यह संख्या संभवतः उससे कम है। सीबीसी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में, एफएसडब्ल्यूसी के अध्यक्ष और सीईओ माइकल लेविट ने कहा कि देश को यह जानने की जरूरत है कि क्या हजारों युद्ध अपराधियों को कनाडा में लाया गया था।