वैसे तो जाति जनगणना बिहार में हुई है, लेकिन इसके आंकड़े सामने आते ही देश भर की सियासत में हलचल मच गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम नेता इस पर जमकर टिप्पणी कर रहे हैं। पीएम मोदी ने जहां इसे देश बांटने वाला बताया, वहीं राहुल गांधी ने जितनी आबादी उतना हक, जैसी बातें लिखीं।इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि क्या साल 2024 के लोकसभा चुनाव का एजेंडा सेट हो चुका है? क्या अगला लोकसभा चुनाव धर्म बनाम जाति की धुन पर लड़ा जाएगा? बता दें कि भाजपा और एनडीए हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की तमाम हिकमतों में जुटा रहा है। वहीं, बिहार में जाति के आंकड़े आने के बाद इंडिया गठबंधन इसके आधार पर चुनावी बिसात बिछाने में जुट गया है। बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने ऐलान कर दिया है कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो जाति जनगणना राष्ट्रीय स्तर पर होगी।
जाति पर विपक्ष एकजुट
बिहार की जाति जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, यहां की आबादी में 63.13 फीसदी ओबीसी हैं। इसमें 36.01 फीसदी ईबीसी यानी अत्यंत पिछड़ा वर्ग, 27.12 फीसदी पिछड़ा वर्ग हैं। वहीं, 19.65 फीसदी अनुसूचित जाति की आबादी है। दिलचस्प बात यह भी है कि इंडिया गठबंधन में विभिन्न मुद्दों पर भले ही थोड़ा-बहुत मतभेद रहा हो, जाति के मुद्दे पर ऐसा नहीं दिखता। चाहे कांग्रेस हो, आरजेडी, जेडीयू या फिर समाजवादी पार्टी। जाति जनगणना को लेकर सभी एकराय हैं। ऐसे में लगभग तय है कि भाजपा के हिंदुत्व वाली सियासत को ओबीसी के हथियार से मात देने की तैयारी है।
ओबीसी बनेगा विपक्ष का हथियार
जाति जनगणना के आंकड़े सामने आते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का ट्वीट आया। इसमें उन्होंने लिखा कि बिहार में ओबीसी, एससी और एसटी की आबादी 84 फीसदी है। इसके साथ ही उन्होंने वह बात फिर से दोहराई, जो महिला आरक्षण बिल पेश होने के दौरान कही थी। राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र के 90 सचिवों में सिर्फ तीन ओबीसी हैं। इसके साथ ही राहुल ने भारत के जातिगत आंकड़े जानने की बात पर जोर दिया और कहा कि जितनी आबादी, उतना हक, ये हमारा प्रण है। इससे साफ होता है कि इंडिया गठबंधन न सिर्फ आने वाले विधानसभा चुनाव, बल्कि लोकसभा चुनाव में भी इस हथियार का इस्तेमाल करने वाला है।
विधानसभा चुनाव में भी चलेंगे दांव?
बता दें कि राहुल गांधी लगातार ओबीसी समुदाय को लेकर आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी यह दांव चलने का इरादा बनाया हुआ है। राहुल गांधी हाल ही में मध्य प्रदेश में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सरकार बनने पर यहां जाति सर्वे कराए जाने की बात कही थी। इतना ही नहीं, इस सर्वे के बाद लोगों के जेहन में यह बात डालने की कोशिश भी हो रही है कि केंद्र सरकार ओबीसी के हक को दबा रही है। अगर सोशल मीडिया पर चल रही बहस पर गौर करें तो यह बात बहुत आसानी से समझ में आ जाती है।