बिजली बिल बकाया है तब भी नहीं कटेगी बिजली, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का अफसरों को निर्देश

यूपी के ऊर्जा और नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि अब घरेलू बिजली बकायेदारों के कनेक्शन नहीं काटे जाएंगे। पूर्व में शासन के आदेश पर बड़े बकायेदारों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की गई।वह मंगलवार को सगड़ी तहसील क्षेत्र के पातालनाथ मंदिर में अखंड रामायण पाठ के समापन के अवसर पर पत्र प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे। लखनऊ रवाना होने से पहले ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सभी सीटों पर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को जीत मिलेगी।केंद्र में तीसरी बार पूर्ण बहुमत की एनडीए की सरकार बनेगी और नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि एनडीए की लड़ाई किसी गठबंधन से नहीं है। इंडिया गठबंधन फ्यूज बल्ब की झालर है। ऐसी झालर को आप लोग दिवाली पर न लगाएं। इंडिया गठबंधन बनते ही कांग्रेस, सपा सहित कई पार्टियों में दरार पड़नी शुरू हो गई है।उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में दलित, अति पिछड़े, पिछड़े वर्ग के लोग बीजेपी के साथ हैं। बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं के बल पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। कार्यकर्ताओं के दम पर ही यूपी की सभी सीटें जीतेंगे। केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन की सरकार गरीबों और शोषितों की सरकार है।

बिजली कनेक्शन महंगा
उत्तर प्रदेश में उद्योगों को दिए जाने वाले वाला बिजली कनेक्शन महंगा होने की प्रबल संभावना है। पावर कारपोरेशन की ओर से नई कॉस्ट डाटा बुक में उद्योगों के कनेक्शन में करीब 100 फीसदी वृद्धि प्रस्तावित की गई है जबकि आमजन यानि घरेलू उपभोक्ताओं के कनेक्शन में 30 से 35 फीसदी की वृद्धि प्रस्तावित है। हालांकि घरेलू कनेक्शन की दरों में वृद्धि की संभावना नहीं है।

बिजली कनेक्शन और उपभोक्ता सामग्री की दरों को निर्धारित करने वाली नई कॉस्ट डाटा बुक को लेकर सोमवार को आयोग सभागार में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक में चर्चा की गई। आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार सदस्य बीके श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में हुई बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई।

पहले उपभोक्ता परिषद के ग्रामीण महिलाओं को कनेक्शन लेने पर 33 फीसदी और शहरी महिलाओं को 15 फीसदी छूट के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। आयोग अध्यक्ष ने कारपोरेशन से इस पर मंतव्य मांगा तो प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने कहा की बिजली कंपनियां वाणिज्य संस्थान के रूप में काम करती हैं। ऐसे में इस पर विद्युत नियामक आयोग या सरकार निर्णय ले सकती है। अब इस पर आयोग निर्णय करेगा।

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