लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में गठबंधन की सियासत में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एक तरफ सपा और कांग्रेस के बीच तकरार बढ़ गई है तो दूसरी तरफ बसपा प्रमुख मायावती बिना शर्त समर्थन देने वाले महान दल के केशव देव मौर्य ने अखिलेश यादव और सपा की तारीफें करनी शुरू कर दी है।ऐसे में इस बात की चर्चा हो रही है कि बसपा को जल्द ही झटका और सपा को पुराने साथी का साथ फिर से मिल सकता है। केशव देव मौर्य पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के साथ ही गठबंधन में थे। राजभर के अलग होने के दौरान ही वह भी सपा से अलग हो गए और बसपा को समर्थन का ऐलान कर दिया था।सपा और कांग्रेस के बीच रार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर शुरू हुई। उसी मध्य प्रदेश में महान दल सपा के साथ आ चुका है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में केशव देव मौर्य की पार्टी के प्रत्याशी को सपा ने अपने सिंबल पर टिकट दिया है। ऐसे में में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के पहले महान दल यूपी में भी बसपा छोड़ सपा के पाले में आ सकती है।
सपा और अखिलेश के पक्ष में पोस्ट
इकाना स्टेडियम में इंडिया-इंग्लैंड का मैच हुआ था। इकाना को लेकर अखिलेश यादव ने ट्वीट किया और बीजेपी को घेरा था। उन्हीं के सुर में सुर मिलाते हुए केशव देव मौर्य ने लिखा कि सपा शासन काल में उप्र के तत्कालीन मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव की देखरेख में बने दुनिया के बेहतरीन स्टेडियम में से एक इकाना स्टेडियम लखनऊ मे टीम इंडिया ने इंग्लैंड को बुरी तरह पराजित कर दिया। जीत के हीरो, रोहित शर्मा, मोहम्मद शमी, सूर्यकुमार यादव, बुमराह सहित पूरी टीम इंडिया को बहुत-बहुत बधाई।केशव देव मौर्य जातीय गणना और पीडीए को लेकर अखिलेश यादव के रुख का भी समर्थन किया और लिखा कि जितनी संख्या, उतनी हिस्सेदारी। आरक्षण लेने का नहीं, देने का समय आ गया है। दलित पिछड़े अल्पसंख्यक (शोषित) 85% और शोषक 15% हैं। इसलिए 85% आरक्षण PDA को दो। नहीं तो 15% आरक्षण तुम लो।
बसपा के प्रचार में लगे थे
जून में केशव देव मौर्य ने बहुजन समाज पार्टी के पक्ष में प्रचार में लगे थे। एक्स पर लिखा था कि बसपा के पक्ष मे वॉल-राइटिंग अभियान ने पकड़ी गति, महान दल के जांबाज सिपाहियों ने महान दल ने ठाना है बसपा को जिताना है। दीवालों पर लिखकर वॉल-राइटिंग अभियान को गति देने में ताकत झोंक दी है। केशव देव मौर्य ने फैसला किया था कि वह बिना शर्त बसपा को समर्थन देंगे। 2024 के पहले अब केशव देव मौर्य के नए रुख ने बसपा के साथ-साथ बीजेपी और कांग्रेस को भी चौंका दिया है।