अपने बयानों पर सपा में ही घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य, चीफ व्हिप ने किया कड़े शब्दों का इस्तेमाल

 श्रीरामचरित मानस और सनातन धर्म के प्रति विवादित टिप्‍पणियों को लेकर अक्‍सर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य अब रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा पर सवाल उठाकर अपनों के ही निशाने पर आ गए हैं।सपा के विधान परिषद सदस्‍य स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को राज्‍यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा के औचित्‍य पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जब रामलला अयोध्‍या में हजारों साल से पूजे जा रहे हैं तो बीते 22 जनवरी को अरबों-खरबों रुपये खर्च करके दोबारा प्राण प्रतिष्ठा करने की क्‍या जरूरत थी।

‘जब विक्षिप्त आदमी को निर्देशों को ही नहीं सुनना है तो…’

स्‍वामी प्रसाद मौर्य के बयानों का खुद उनकी ही पार्टी में विरोध शुरू हो गया है। विधानसभा में समाजवादी पार्टी के चीफ व्हिप मनोज पांडे ने मौर्य की बेहद तल्‍ख अल्‍फाज में निंदा की। उन्‍होंने कहा, ‘स्वामी प्रसाद क्या-क्या बोल रहे हैं, इस पर मैं कोई बयान नहीं देना चाहता हूं। जिस व्यक्ति का खुद का मानसिक संतुलन ठीक न हो, वह ऐसे ही बयान देता रहता है। पार्टी ने कई बार उनसे ऐसा न करने को कहा लेकिन विक्षिप्त आदमी को जब निर्देशों को नहीं सुनना है तो उसके लिए कोई कुछ नहीं कर सकता।’ वहीं, सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने मौर्य के बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘धर्म पर प्रपंच नहीं होना चाहिए, अमल होना चाहिए।’

2022 में फाजिलनगर सीट से चुनाव हार गए थे स्वामी

BJP के इस आरोप पर कि स्‍वामी प्रसाद मौर्य सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव के कहने पर ऐसे बयान दे रहे हैं, शिवपाल ने कहा कि BJP तो हमेशा झूठ बोलती है। वहीं, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने मौर्य के बयान पर कहा कि किसी को भी किसी की धार्मिक आस्था को आहत करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मौर्य का बयान उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनवरी 2022 में बीजेपी से नाता तोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामा था। विधानसभा चुनावों में स्वामी फाजिलनगर सीट से चुनाव हार गए थे, जिसके बाद सपा ने उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाया है।

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