वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक ‘श्वेत पत्र’ लोकसभा में पेश किया. जिसमें कहा गया है कि 2014 में अर्थव्यवस्था संकट में थी, तब श्वेतपत्र प्रस्तुत किया जाता तो नकारात्मक स्थिति बन सकती थी और निवेशकों का आत्मविश्वास डगमगा जाता.सीतारमण ने गुरुवार को ‘श्वेत पत्र’ सदन में रखते हुए कहा, मैं भारतीय अर्थव्यवस्था पर ‘श्वेत पत्र’ हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में पेश करती हूं. कुल 59 पृष्ठ के ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ में कहा गया है कि जब 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी. सार्वजनिक वित्त खराब स्थिति में था. साथ ही आर्थिक कुप्रबंधन, वित्तीय अनुशासनहीनता और व्यापक भ्रष्टाचार का बोलबाला था.
बड़े आर्थिक फायदों के लिए कड़े फैसले लिए
श्वेत पत्र में कहा गया कि राजनीतिक और नीतिगत स्थिरता से लैस NDA सरकार ने पूर्ववर्ती UPA सरकार के विपरीत बड़े आर्थिक फायदों के लिए कड़े फैसले लिए. सरकार ने अपने श्वेत पत्र में कहा, त्वरित समाधान करने के बजाय, NDA सरकार ने साहसिक सुधार किए. लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण श्वेत पत्र पेश करते हुए कहा, यूपीए सरकार में रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और घोटालों के कारण निर्णय लेना रुक गया, जिससे रक्षा तैयारियों से समझौता हो गया. सरकार ने तोपखाने और विमान भेदी तोपों, लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों, नाइट फाइटिंग गियर और कई उपकरण के अपग्रेड में देरी की.