मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश के अफसरों और कर्मचारियों कार्रवाई जारी है। इसी के तहत सोमवार को सिद्धार्थनगर के चकबंदी अधिकारी पर कार्रवाई की गई।योगी सरकार ने चकबंदी अधिकारी प्रभाकर को सेवा से बर्खास्त कर दिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने मेरठ में रहने के दौरान नाला और वन विभाग की भूमि लोगों के नाम पर मनमाने तरीके से कर दिया।चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि ग्राम बिसौला हस्तिनापुर मवाना मेरठ और ग्राम फिरोजपुर किठौर मवाना मेरठ में चकबंदी के कामों में अनियमितता की शिकायत जांच समिति बनाते हुए कराई गई। रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम बिसौला और फिरोजपुर में चकबंदी के कामों में अनियमितता की पुष्टि हुई। इसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है।उन्होंने बताया कि इसके साथ ही चकबंदी अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित जमीन को वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं। धोखाधड़ी से भूमि प्राप्त करने वालों के खिलाफ भी विधिक कार्रवाई के लिए निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक चकबंदी विभाग में कुल 22 अधिकारियों को निलंबित चार को बर्खास्त और एक को उसके मूल पद पर भेजते हुए 40 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।