मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अफसरों को निर्देश दिया कि वंचित पात्रों का आयुष्मान हेल्थ कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनवाएं। यदि कोई बीमार है और उसके पास आयुष्मान कार्ड नहीं तो बड़े संस्थानों में इलाज का इस्टीमेट बनाकर शासन को भेजें।हर जरूरतमंद को इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भरपूर मदद दी जाएगी। सीएम योगी शनिवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन में फरियादियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुन रहे थे। जनता दर्शन में उन्होंने करीब 300 लोगों की समस्याएं सुनीं और समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिपरक समाधान के निर्देश अधिकारियों को दिए।महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर कुर्सियों पर बैठाए गए फरियादियों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और उनकी समस्या सुनने के बाद समाधान के लिए आश्वस्त किया। वहीं उनके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित किया। एक महिला ने मुख्यमंत्री को अपनी बेटी के गंभीर रूप से बीमार होने की जानकारी दी। योगी ने आयुष्मान कार्ड के बारे में पूछा तो महिला ने बताया कि नहीं बना है।इस पर मुख्यमंत्री ने पास में मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया कि सबसे पहले महिला की बेटी को लखनऊ के एसजीपीजीआई या केजीएमयू में भर्ती कराकर तुरंत इलाज शुरू कराया जाए। इसमें जो भी खर्च आना है, अस्पताल से इस्टीमेट बनाकर शासन को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को उक्त महिला का आयुष्मान कार्ड बनवाने का भी निर्देश दिया। साथ ही कहा कि जो भी जरूरतमंद आयुष्मान हेल्थ कार्ड से वंचित रह गए हैं, उनके कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनवाएं।
जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली अक्षम्य
जनता दर्शन में पुलिस व राजस्व से जुड़ी शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जिला स्तर पर ही समस्या का समाधान सुनिश्चित करें ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली अक्षम्य होगी। हर शिकायत का पूरी प्रतिबद्धता और पारदर्शिता से न्यायोचित समाधान शासन-प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है और इसमें किसी ने भी लापरवाही की तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।