स्टार क्रिकेटर विराट कोहली का 80 इंटरनेशनल शतक हो चुका है और वह शतकों के शतक से अब 20 कदम दूर हैं। विराट कोहली 35 साल के हो गए हैं और उनकी फिटनेस को देखते हुए लगता है कि वह अभी कम से कम चार साल और खेल सकते हैं।
आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 के सेमीफाइनल मुकाबले में विराट ने 50वां वनडे शतक लगाया, वनडे इंटरनेशनल में अब सबसे ज्यादा शतक विराट के नाम ही हैं, उन्होंने सचिन तेंदुलकर को इस मामले में पीछे छोड़ दिया है। विराट की कप्तानी के समय टीम इंडिया के हेड कोच रहे रवि शास्त्री ने कहा कि विराट के अंदर वो काबिलियत और क्षमता है कि वह सचिन के 100 इंटरनेशनल शतकों का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। कोहली के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में 80 (वनडे में 50, टेस्ट में 29 और टी20 इंटरनेशनल में एक) शतक दर्ज हैं और वह तेंदुलकर (टेस्ट में 51 और वनडे में 49) के रिकॉर्ड से 20 शतक पीछे हैं।
शास्त्री ने ‘द आईसीसी रिव्यू’ से कहा, ‘जब सचिन तेंदुलकर ने 100 शतक बनाए तो किसने सोचा होगा कि कोई उनके करीब भी आएगा? और उसने 80 शतक बना लिए हैं। इसमें 50 शतक वनडे में आए हैं। यह कई बार वास्तविकता से परे लगता है।’ भारत के इस पूर्व हरफनमौला ने कहा, ‘कुछ भी असंभव नहीं है क्योंकि ऐसे खिलाड़ी जब शतक बनाने की कोशिश करते हैं तो बहुत तेजी से शतक बना लेते हैं। उनकी अगली 10 पारियों में आपको पांच और शतक देखने को मिल सकते हैं।’
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शास्त्री ने कहा, ‘आपके पास खेल के तीन फॉर्मेट हैं, और वह उन सभी फॉर्मेट का हिस्सा है। वह अभी तीन-चार साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेल सकता है।’ शास्त्री कोहली की दबाव झेलने की क्षमता से भी आश्चर्यचकित है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि उसका संयम, उसका शारीरिक हाव-भाव, क्रीज पर उसका धैर्य (इस वर्ल्ड कप में)। मैंने उसे पिछले वर्ल्ड कप में देखा है जहां वह काफी नर्वस दिख रहा था।’
उन्होंने कहा, ‘वह पहले मैच से ही शानदार लय में रहना चाहता था। वह अपना समय ले रहा है, दबाव को झेल रहा है, मैदान में खुद को समय दे रहा है और पारी के आखिर तक बल्लेबाजी करने की अपनी भूमिका को समझ रहा है। वह अद्भुत है।’ शास्त्री ने कोच के रूप में अपने भारतीय टीम के साथ अपने कार्यकाल के दौरान कोहली के साथ मिलकर काम किया था। उन्होंने बताया कि कोहली सख्त आहार के साथ फिटनेस के लिए काफी पसीना बहाते है। इससे उन्हें विकेटों के बीच दौड़ कर रन बनाने की आजादी मिलती है।
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उन्होंने कहा, ‘उसकी बल्लेबाजी की एक विशेषता विकेटों के बीच दौड़ कर रन बनाने की है। इस खूबी के कारण उसे चौके और छक्के पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। वह अपनी शारीरिक फिटनेस के कारण विकेटों के बीच तेजी से रन चुरा सकता है।’ शास्त्री ने कहा, ‘इससे उस पर से दबाव कम हो जाता है। यहां तक कि जब उसे बाउंड्री नहीं मिल रही होती, तब भी वह स्ट्राइक रोटेट कर रहा होता है। उसके पास हमेशा पारी के अंत तक पहुंचने की अदभुत क्षमता होती है।’