पुल-पुश ट्रेन क्या है, जिसे चलाने की तैयारी कर रहा रेल मंत्रालय?

भारत एक ओर बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी में है तो दूसरी ओर, कई छोटी योजनाओं पर भी काम हो रहा, जिससे लोगों की जिंदगी आसान हो सके. इसी मुह‍िम के तहत रेल मंत्रालय पुल-पुश ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है.

उम्‍मीद की जा रही कि जल्‍द पटना और मुंबई के बीच ऐसी ट्रेन चलाई जा सकती है, जिससे काम के लिए बाहर जाने वाले लोगों को फायदा होगा. लेकिन पुल पुश ट्रेन है क्‍या? ऑनलाइन प्‍लेटफार्म कोरा पर यही सवाल पूछा गया, जिस पर कई यूजर्स ने जवाब दिए. अजबगजब नॉलेज सीरीज के तहत आइए जानते हैं इस ट्रेन और इसकी तकनीक के बारे में…

जिन लोगों ने मेट्रो को देखा होगा, वे इसके बारे में अच्‍छे से समझ पाएंगे. दरअसल, पुल-पुश ट्रेन एक ऐसी ट्रेन है जिसमें दो इंजन होते हैं, एक आगे और दूसरा पीछे. दोनों इंजन एक साथ ट्रेन को खींचते और धकेलते हैं. इस तरह, ट्रेन को आगे बढ़ाने के लिए केवल एक इंजन की आवश्यकता नहीं होती है. पुल-पुश ट्रेन चलाने के कई फायदे हैं. सबसे पहले, इससे ट्रेन की रफ्तार आसानी से बढ़ सकती है. दूसरे, इससे ट्रेन की क्षमता काफी बढ़ जाती है. और तीसरे, इससे ट्रेन को चलाने के लिए कम पावरफुल इंजन की आवश्यकता होती है, जिससे रेलवे को लागत में कमी आ सकती है.

यहां बनाए जा रहे कोच
एक यूजर ने इसकी खूब‍ियां बताईं. उन्‍होंने कहा, पुल-पुश ट्रेनों की रफ्तार पारंपरिक ट्रेनों की तुलना में अधिक होगी. इन ट्रेनों में अधिक कोच लगाए जा सकते हैं. यानी ज्‍यादा यात्री एक साथ सफर कर पाएंगे. इससे टिकट वेटिंग का झंझट काफी हद तक कम हो जाएगा. रेलवे सूत्रों के मुताबिक, ट्रेन में जनरल और स्लीपर क्लास के कुल 22 कोच लगाए जाएंगे. शुरुआत में यह नॉन-एसी होगी. दो इंजन होने के बावजूद इसे एक ही ड्राइवर चलाएगा. भारतीय रेलवे ने पुल-पुश ट्रेनों के लिए कोच का निर्माण भी शुरू कर दिया है, जिसे पश्चिम बंगाल के चितरंजन लोकोमोटिव वर्क में तैयार किया जा रहा है.

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