पद्म विभूषण रतन टाटा का आज जन्मदिन है। गुरुवार को वह 86 वर्ष के हो गए हैं। इस मौके पर उनके जीवन से जुड़ा एक किस्सा फिर सुर्खियों में है, जब उन्हें एक गैंगस्टर की धमकियों का सामना करना पड़ा था।नौबत यहां तक आ गई थी कि उन्हें जान से मारने की साजिश भी रची जाने लगी थी। उन्होंने खुद काफी समय पहले इस बात को माना था और यह भी कहा था कि वह अपराधी के सामने डरे नहीं।कोलंबिया बिजनेस स्कूल की तरफ से एक वीडियो शेयर किया गया था। कुछ समय पहले ही यह वीडियो दोबारा चर्चा में आ गया था। बातचीत के दौरान टाटा बताते हैं, ‘मेरे चेयरमैन बनने के 15 दिनों के बाद टेल्को में बड़ा यूनियन तनाव हुआ था। एक गैंगस्टर ने फैसला किया था कि हमारी यूनियन में काफी धन है और इसपर नियंत्रण करना चाहता था।’उन्होंने कहा, ‘उसके विध्वंस करने वाले, हिंसक और डराने वाले 200 समर्थक थे…। लेकिन हमने यूनियन को कमजोर समझने की एक गलती कर दी।’ टाटा ने बताया कि इसके बाद उन्होंने गैंगस्टर की बात मानने के बजाए उसका मुकाबला करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘लोगों को लगता था कि हमें उसकी बात माननी चाहिए और उसे दूर कर देना चाहिए। लेकिन मेरा मानना था कि हम ऐसा नहीं कर सकते। पुलिस उसकी जेब में थी…। उसने डराने-धमकाने से मैनेजमेंट का मनोबल कमजोर कर दिया था।’टाटा ने बताया कि गैंगस्टर के प्लांट ऑपरेशन बंद करने के बाद भी वह नहीं झुके। उन्होंने बताया, ‘मुझे पता था कि वह हर चीज पर कब्जा कर लेगा और एक गैंगस्टर की तरह चलाएगा। मैंने उसका सामना करना जारी रखा और उसने हड़ताल बुला ली और प्लांट का काम रोक दिया… कर्मचारी अपने परिवारों के चलते काफी डरे हुए थे।’ अंत में खुद टाटा ही उनका डर दूर करने के लिए प्लांट में रुके थे।कारोबारी ने बताया कि गैंगस्टर को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था। जब वह जेल से बाहर आया, तो उसने हत्या का कॉन्ट्रेक्ट दे दिया था। उन्होंने बताया, ‘लोग चाहते थे कि मैं उससे सुलह कर लूं, लेकिन हमने ऐसा नहीं कया…। अब जब मैं पीछे देखता हूं, तो मैंने कोई और कदम नहीं उठाया होता।’