सुप्रीम कोर्ट फैसला देता कि भगवान कृष्ण ने करप्शन किया, आचार्य प्रमोद कृष्णम से क्यों बोले PM मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कल्कि धाम का शिलान्यास करते हुए कहा कि कुछ लोग सारे अच्छे काम मेरे लिए ही छोड़ गए हैं। संतों और जनता का आशीर्वाद रहा तो आगे भी ऐसा होगा। उन्होंने कहा कि आज हम देश में जो सांस्कृतिक उदय देख रहे हैं, उसकी प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से मिलती है।आज उनकी जन्म जयंती भी है। पीएम मोदी ने कहा कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यहां कहा कि सब के पास देने के लिए कुछ न कुछ होता है, लेकिन मैं कुछ दे नहीं सकता। सिर्फ भावना प्रकट कर सकता हूं। अच्छा हुआ कि कुछ दिया नहीं। वरना जमाना ऐसा बदल गया है कि अगर आज के युग में सुदामा श्रीकृष्ण को एक पोटली में चावल देते तो वीडियो निकल आती और PIL दाखिल होती। जजमेंट आता कि भगवान कृष्ण को भ्रष्टाचार में कुछ दिया गया और भगवान करप्शन कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इसका वीडियो भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचाया जाता। उनकी इस बात से मंच पर बैठे सभी संत हंसने लगे। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि इस धाम में भगवान विष्णु के 10 रूप होंगे। यहां सभी स्वरूपों की एक साथ स्थापना होगी। उन्होंने कहा कि जो कल्पना के परे थे, वह हो गया है। 500 साल के इंतजार के बाद राम मंदिर बन रहा है। अब कल्कि धाम के शिलान्यास के हम लोग गवाह बने हैं और काशी का भी कायाकल्प हो रहा है। महाकाल के महालोक की महिमा भी हमने देखी है। सोमनाथ का विकास देखा है और केदारनाथ घाटी का पुनर्निर्माण देखा है।

22 जनवरी से एक नए कालचक्र की शुरुआत, 1000 साल रहेगा असर

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि 22 जनवरी से एक नए कालचक्र की शुरुआत होगी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 1000 सालों तक राम राज्य का प्रभाव रहेगा। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने जब शासन किया तो उसका प्रभाव हजारों सालों तक रहा। अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रभाव भी एक हजार साल तक रहेगा। यही नहीं उन्होंने कहा कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भगवान कल्कि का काफी अध्ययन किया है। उनका भी अवतार होगा और समाज का कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि कल्कि धाम एक ऐसा स्थान होने जा रहा है, जो उन भगवान को समर्पित है, जिनका अभी अवतार होना बाकी है।

प्रमोद कृष्णम से मिला तो उनके कामों को जाना, खूब की तारीफ

प्रधानमंत्री ने कहा कि आप कल्पना कीजिए कि हमारे शास्त्रों में कैसे भविष्य की चीजें भी लिखी हैं। यह बात अद्भुत है कि आज प्रमोद कृष्णम जैसे लोग उन मान्यताओं को आगे बढ़ा रहे हैं। बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णण लंबे समय तक कांग्रेस में थे, लेकिन उनके पिछले कुछ दिनों से मतभेद हो गए थे। इसी बीच वह पीएम नरेंद्र मोदी से मिले थे और कल्कि धाम आने का न्योता दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था। पीएम मोदी ने कहा कि आचार्य जी को मंदिर के लिए पिछली सरकारों से लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। एक समय में उन्हें यह भी कहा गया कि मंदिर बनाने से शांति व्यवस्था बिगड़ जाएगी।

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