समलैंगिक शादी पर कहां क्या कानून? इन 10 मुस्लिम देशों में पूरी छूट

भारत में सेम सेक्स मैरिज पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने बंटा हुआ फैसला सुनाया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि समलैंगिक शादी पर अदालत कानून तो नहीं बना सकती लेकिन, उन्होंने यह जरूर कहा कि समलैंगिक जोड़े को बच्चा गोद लेने अधिकार जरूर है।

सीजेआई ने टिप्पणी में कहा कि हम कानून न तो बना सकते हैं और न ही संसद पर दबाव। समलैंगिक शादी को दुनिया के 34 देशों में मान्यता प्राप्त है, 22 देशों में इस पर कानून है। वहीं, इसे लेकर कट्टर कानूनों का पालन करने वाले मुस्लिम देशों में क्या सोच है? क्या आप जानते हैं कि 10 मुस्लिम देशों में समलैंगिक शादी वैध है।

समलैंगिक शादी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बंटा हुआ फैसला सुनाया गया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इसे मान्यता देने से इनकार कर दिया। इसकी मान्यता देने की मांग को लेकर 18 समलैंगिक जोड़ों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सेम सेक्स मैरिज पर दुनिया के 34 देशों में इसकी मान्यता है, 22 देशों ने तो कानून भी बनाया है। यहां हम उन 10 मुस्लिम देश के बारे में जानेंगे, जहां समलैंगिकता को पूरी छूट है।

एक नजर-

लेबनान
लेबनान में सेम सेक्स मैरिज की मान्यता है। यहां की दंड संहिता की धारा 377, अनुच्छेद 534 के संस्करण को 2014 में जेडीडीह की अदालत में एक न्यायाधीश ने अमान्य कर दिया था। जिसके बाद देश में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया। लेबनानी राष्ट्रीय मनोरोग केंद्र ने समलैंगिक यौन संबंधों को भी मानसिक विकारों की श्रेणी से हटा दिया है।

कजाकिस्तान
कजाकिस्तान में समलैंगिक यौन गतिविधि कानूनी है। हालाँकि, सेम सेक्स मैरिज करने वाले जोड़ों को यहां विषमलैंगिक विवाहित जोड़ों के समान कुछ कानूनी सुरक्षा नहीं मिलते हैं।

माली
माली में समलैंगिक शादी तकनीकी रूप से वैध है। लेकिन यहां स्थानीय प्रचलित सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं इसे अनैतिक मानती हैं। माली में एलजीबीटी समुदाय को उत्पीड़न और दुर्व्यवहार से बचाने के लिए कोई भेदभाव-विरोधी कानून भी नहीं हैं।

नाइजर
नाइजर में समलैंगिक यौन गतिविधि कानूनी है। समलैंगिकों के लिए सहमति की उम्र विषमलैंगिक गतिविधियों से अलग है। नाइजर भी कानूनी तौर पर समलैंगिक संबंधों को मान्यता नहीं देता है।

तुर्की
1923 में देश की स्थापना के बाद से ही तुर्की में समलैंगिकता वैध है। ऑटोमन साम्राज्य (तुर्की के पूर्ववर्ती) के दौरान, समलैंगिकता को 1858 में वैध कर दिया गया था। जिनेवा कन्वेंशन के तहत एलजीबीटी समुदाय से जुड़े लोगों को तुर्की में शरण लेने का अधिकार है। हालांकि कजाकिस्तान की तरह समान-लिंग वाले जोड़ों को विषमलैंगिक जोड़ों के समान कानूनी सुरक्षा नहीं दी जाती है।

इंडोनेशिया
इंडोनेशिया भी उन मुस्लिम देशों में एक है, जहां सहमति पर वयस्क समलैंगिक विवाह कर सकते हैं। यहां समलैंगिकता अधिनियम को अपराध नहीं मान जाता है, लेकिन पेंच यह है कि इंडोनेशिया समलैंगिक विवाह को कानूनी तौर पर मान्यता नहीं देता है। इसके अलावा यहां तुर्की और कजाकिस्तान की तरह सेम सेक्स मैरिज वाले कपल के पास अन्य कपल की तरह सुरक्षा कानून नहीं है।

उत्तरी साइप्रस
7 फरवरी, 2014 को उत्तरी साइप्रस में समलैंगिक यौन गतिविधि को वैध कर दिया गया था। इससे पहले, कुछ कानूनों (आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 171 और 173) ने इसे पुरुषों के लिए अपराध घोषित किया था। लेकिन, महिला समलैंगिकता को कभी भी अपराध नहीं बनाया गया।

बहरीन
बहरीन ने 1976 में समलैंगिक संबंध को वैध कर दिया था। हालांकि यहां कानून अधिकारी अभी भी कम उम्र के समलैंगिक कृत्यों के लिए कार्रवाई कर सकते हैं।

अल्बानिया
अल्बानिया में 1995 से समान-लिंग वाली यौन गतिविधियां कानूनी हैं। अल्बानिया यूरोप के उन कुछ देशों में से एक है जो लिंग पहचान और कामुकता के आधार पर भेदभाव पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाता है।

अज़रबैजान
2000 में अज़रबैजान में समलैंगिक शादी को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया था। लेकिन कई अन्य देशों की तरह, समान-लिंग वाले जोड़ों कों विषमलैंगिक जोड़ों के लिए उपलब्ध कानूनी सुरक्षा हासिल नहीं है।

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