कल रंगभरी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम, वरना उठाने होंगे ढेरों दुख

सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन एकादशी का व्रत बेहद ही खास होता है जो कि हर माह में दो बार आता है अभी फाल्गुन मास चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है जो कि हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाती है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने का विधान होता है इस साल यह तिथि 20 मार्च दिन बुधवार यानी की कल पड़ रही है इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान होता है लेकिन इसी के साथ ही रंगभरी एकादशी के दिन शिव और पार्वती की भी पूजा की जाती है।

 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन शिव माता पार्वती के संग काशी पहुंचे थे। यही कारण है कि रंगभरी एकादशी सभी एकादशियों में विशेष मानी जाती है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से साधक को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पूजा का पूर्ण फल भी प्राप्त होता है लेकिन इसी के साथ ही कुछ ऐसे काम भी है जो कि रंगभरी एकादशी पर नहीं करने चाहिए वरना जीवन भर दुख उठाना पड़ सकता है तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।

रंगभरी एकादशी पर न करें ये काम-
आपको बता दें कि रंगभरी एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित माना गया है ऐसे में इस दिन भूलकर भी चावल ना खाएं। इसके अलावा एकादशी के दिन नाखून या बाल भी नहीं कटवाने चाहिए। ऐसा करने से जीवन में समस्याएं पैदा होती है और देवी देवता नाराज़ हो जाते हैं। एकादशी के दिन शैंपू, तेल और साबुन का भी प्रयोग करना वर्जित माना गया है।

एकादशी के दिन अपने मन में बुरे विचार को नहीं लाना चाहिए ना ही किसी के बारे में बुरा सोना चाहिए ऐसा करना पाप माना जाता है इस दिन तुलसी पूजन को शुभ बताया गया है। लेकिन भूलकर भी तुलसी में जल अर्पित ना करें और ना ही तुलसी की पत्तियां तोड़े ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है। रंगभरी एकादशी के दिन मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज का सेवन करने से बचना चाहिए।

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