केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस कभी नहीं चाहती थीं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो, मगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘केस जीतकर’ मंदिर का निर्माण कराया। शाह ने भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल की संयुक्त रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष के ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया)’ के प्रमुख घटक दलों समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा, “अखिलेश यादव जी की पार्टी और कांग्रेस कभी नहीं चाहती थीं कि अयोध्या में राम मंदिर बने। कांग्रेस ने 70 साल तक राम जन्मभूमि के मुद्दे को लटका कर रखा लेकिन मोदी जी ने केस भी जीता, भूमि पूजन भी किया और 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी की।”
उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा, “इस चुनाव में जो घमंडिया गठबंधन इकट्ठा हुआ है, उसमें 12 लाख करोड़ के घोटाले और भ्रष्टाचार करने वाले लोग इकट्ठा हुए हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि मोदी जी चौधरी चरण सिंह जी के गौरव कार्यक्रम में आए, उसी दिन इन्होंने (इंडिया गठबंधन) भ्रष्टाचारी बचाओ रैली की और उस रैली में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने की बात कही।” शाह ने कहा, “मैं आज इस मंच से उत्तर प्रदेश की जनता से कह रहा हूं कि 2014 में मोदी जी ने कहा था कि जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है वे जेल में जाएंगे और हम 2024 में भी कह रहे हैं कि जिसने भ्रष्टाचार किया है वे जेल की सलाखों के पीछे चले जाएंगे। विपक्ष का मकसद परिवार के लोगों को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनाना है। मोदी जी का मकसद गरीब, किसान, मजबूर, दलित और आदिवासियों को मजबूत बनाकर अपने पैरों पर खड़ा करना है।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने दावा किया कि 2014 में जब वह भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी थे तब कैराना, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर से लोगों का पलायन होता था लेकिन 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद उसने यहां पर गुंडों का आतंक बंद करके पलायन रोका है और लोगों को सुरक्षित किया है और निर्दोष नागरिकों की जगह अब गुंडे उत्तर प्रदेश से पलायन करने लगे हैं। शाह ने अपने भाषण की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ चौधरी चरण सिंह का जिक्र करते हुए की और कहा कि यह चुनाव नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव है। उन्होंने कहा कि मोदी ने गुड़ और गन्ने के इस क्षेत्र के अंदर गन्ने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाकर ढेर सारे बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा, ”आप याद करिए कि जब कांग्रेस की सरकार थी तब गन्ने की एफआरपी (उचित एवं लाभकारी मूल्य) 210 रुपए प्रति क्विंटल थी और आज 340 रुपए प्रति क्विंटल करने का काम मोदी जी ने किया है।
भुगतान की जहां तक बात है तो 1995 से 2017 तक औसत भुगतान 23000 करोड रुपए होता था आज 250000 करोड़ रूपया गन्ने का भुगतान करने का काम भाजपा ने किया है।” शाह ने कहा कि भाजपा के शासन में 20 से ज्यादा चीनी मिलों को दोबारा शुरू किया गया और पांच नई चीनी मिलें लगायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि 2014-15 में इथेनॉल को पेट्रोल में नहीं मिलाया जाता था लेकिन मोदी सरकार की एक नीति की वजह से आज 156 करोड़ लीटर इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाया जाता है जिससे गन्ना किसानों की आय बढ़ी है। बाद में, शाह ने पड़ोसी मुरादाबाद का दौरा किया और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। मुरादाबाद में भाजपा ने सर्वेश सिंह को मैदान में उतारा है। सपा ने आजम खान की करीबी रुचि वीरा को प्रत्याशी बनाया है।