राज्यसभा के लिए 27 फरवरी को चुनाव होने हैं। संसद के उच्च सदन के लिए 15 राज्यों की 56 सीटों के लिए 59 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। इनमें 36 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि विश्लेषण किए गए उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 127.81 करोड़ रुपये है।चुनाव अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने यह जानकारी दी। एडीआर और ‘नेशनल इलेक्शन वॉच’ ने इन उम्मीदवारों हलफनामों का विश्लेषण किया।
36 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक आरोप
दस्तावेज स्पष्ट रूप से स्कैन नहीं होने के कारण कर्नाटक से कांग्रेस उम्मीदवार जी.सी. चंद्रशेखर के हलफनामे का विश्लेषण नहीं किया जा सका। विश्लेषण में पाया गया कि 36 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इसके अतिरिक्त, इनमें से 17 प्रतिशत उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं और एक उम्मीदवार पर हत्या के प्रयास से संबंधित मामला है। विश्लेषण के अनुसार, भाजपा के 30 में से आठ उम्मीदवार, कांग्रेस के नौ में से छह उम्मीदवार, तृणमूल कांग्रेस के चार में से एक उम्मीदवार, समाजवादी के तीन में से दो उम्मीदवार, वाईएसआरसीपी के तीन में से एक उम्मीदवार, राजद के दो में से एक उम्मीदवार, बीजद के दो में से एक उम्मीदवार और बीआरएस के एक उम्मीदवार ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
अभिषेक मनु सिंघवी के पास सबसे अधिक संपत्ति
विश्लेषण में उम्मीदवारों की वित्तीय पृष्ठभूमि का भी पता लगाया गया। लगभग 21 प्रतिशत उम्मीदवार अरबपति हैं, जिनकी संपत्ति 100 करोड़ रुपये से अधिक है। राज्यसभा उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 127.81 करोड़ रुपये है। हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की कुल संपत्ति 1,872 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार जया अमिताभ बच्चन की संपत्ति 1,578 करोड़ रुपये और कर्नाटक से जनता दल (सेक्युलर) के उम्मीदवार कुपेंद्र रेड्डी की कुल संपत्ति 871 करोड़ रुपये है।
बालयोगी उमेश नाथ के पास सबसे कम संपत्ति
विश्लेषण के अनुसार, सबसे कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों में मध्य प्रदेश से भाजपा उम्मीदवार बालयोगी उमेश नाथ हैं, जिनकी संपत्ति 47 लाख रुपये से अधिक है। इसी तरह, पश्चिम बंगाल से भाजपा उम्मीदवार समिक भट्टाचार्य की संपत्ति एक करोड़ रुपये है जबकि उत्तर प्रदेश से भाजपा उम्मीदवार संगीता की संपत्ति एक करोड़ रुपये है। आंकड़ों के अनुसार, जहां 17 प्रतिशत उम्मीदवार पांचवीं से लेकर 12वीं तक की शैक्षणिक योग्यता रखते हैं, वहीं, 79 प्रतिशत उम्मीदवारों के पास स्नातक या उच्चतर डिग्री है।