ओपी राजभर ने भाजपा से मांगी यूपी-बिहार में नौ लोकसभा सीटें, इन सीटों पर ठोंका दावा

योगी मंत्रिमंडल में मंत्री बनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने अब दबाव की राजनीति भी शुरू कर दी है। सुभासपा ने भाजपा से यूपी ही नहीं बिहार में भी लोकसभा की सीटें अपने लिए मांगी है।ओपी राजभर के बेटे और सुभासपा के प्रवक्ता अरुण राजभर के अनुसार भाजपा से यूपी में पांच और बिहार में चार सीटें मांगी गई हैं। अरुण ने कहा कि ओपी राजभर ने बुधवार दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चा की है। राजभर इससे पहले 29 दिसंबर को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी दिल्ली में मिले थे।अरुण राजभर ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में बताया कि ओपी राजभर ने शाह और नड्डा से मुलाकात के दौरान गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश की गाजीपुर, बलिया, मऊ, सलेमपुर और चंदौली लोकसभा सीट मांगी है। इसके अलावा बिहार की नवादा, वाल्मीकि नगर, सीवान और काराकाट लोकसभा सीट देने की भी मांग की है। अरुण ने बताया कि इस पर अमित शाह और नड्डा ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए समय आने पर कोई निर्णय लेने की बात कही है।अरुण ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा की गई। इस दौरान शाह ने सुभासपा अध्यक्ष से खरमास तक रुकने के लिये कहा है। उम्मीद है कि यह विस्तार आगामी 16 जनवरी के बाद होगा। उन्होंने दावा किया कि शाह और नड्डा ने ओपी राजभर को मंत्री बनाने का आश्वासन भी दिया है।उन्होंने बताया कि सुभासपा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और बस्ती जिलों में जनवरी के बाद नड्डा और शाह की बड़ी रैलियां आयोजित करने की भी पेशकश की, जिसे दोनों भाजपा नेताओं ने स्वीकार किया है। ओपी राजभर की सुभासपा ने 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन करके लड़ा था। उसे छह सीटों पर जीत मिली थी।हालांकि, बाद में वह सपा से नाता तोड़कर भाजपा नेतृत्व वाली राजग में शामिल हो गई थी। पार्टी अध्यक्ष राजभर इससे पहले वाले 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ उतरे थे। योगी की पहली सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री भी बने थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टकराव के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार से अलग हो गये थे। सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से विधायक हैं। दोबारा एनडीए में आने पर उन्हें उम्मीद है कि योगी मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में उन्हें फिर से मंत्री बनाया जाएगा।

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