जेपी नड्डा के जिस बयान के बाद NDA छोड़ गए थे नीतीश, बिहार में बीजेपी अध्यक्ष ने दोहरा दी वही बात

31 जुलाई, 2022 का वो दिन था जब पटना में बीजेपी के सात मोर्चों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहली बार क्षेत्रीय पार्टियों के खत्म होने की बात की थी।

नौ दिन बाद बिहार की एक क्षेत्रीय पार्टी जेडीयू के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए छोड़कर दसवें दिन आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के साथ महागठबंधन की सरकार बना लिए। 14 महीने बाद जेपी नड्डा ने पटना में कैलाशपति मिश्र जन्मशती समारोह में फिर से क्षेत्रीय पार्टियों के समाप्त होने की बात कर दी है। जब नड्डा ने पहली बार ये बात कही थी तब नीतीश कुमार ने खुद तो कुछ नहीं कहा था लेकिन जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा था कि नड्डा को यह बोलने से पहले सोचना चाहिए था, हम गठबंधन में हैं, नीतीश 17 साल से राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं।

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को पटना में कहा कि अब हमने दूसरों के कंधों पर बैठना बंद कर दिया है और बिहार में अब हम अपने दम पर सरकार बनाएंगे। हम अपने कंधों को मजबूत करेंगे और 2025 में बिहार में भाजपा की सरकार बनाएंगे। नड्डा का बयान नीतीश के जेडीयू की एनडीए में वापसी की अटकल पर भी एक जवाब है और साफ करता है कि दरवाजा बंद की बात ही मौजूदा स्थिति है। नड्डा ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण को इंडिया गठबंधन की पार्टियों का आधार बताते हुए कई क्षेत्रीय पार्टियों और उनके नेताओं के नाम गिनाए और फिर कहा कि पहले ये क्षेत्रीय दल बनते हैं, फिर ये परिवार की पार्टी बन जाते हैं। इसलिए परिवार की राजनीति और क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म करना जरूरी है। 2022 में नड्डा ने कहा था कि हम अपनी विचारधारा पर चलते रहे तो सभी क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएंगी, बस बीजेपी बची रहेगी।

2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर देश में इस समय जो राजनीतिक मोर्चेबंदी चल रही है उसमें भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए में 38 पार्टियां जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन में 28 पार्टियां है। एनडीए कैंप में बीजेपी और एनपीपी को छोड़कर बाकी 36 क्षेत्रीय दल हैं जबकि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस, सीपीएम और आप के अलावा बाकी 25 रीजनल पार्टी हैं। संयोग ये है कि 2022 में बीजेपी और एनडीए को छोड़कर महागठबंधन कैंप में आए नीतीश ही विपक्षी एकजुटता के सूत्रधार बने और कई ऐसी क्षेत्रीय पार्टियों को भी कांग्रेस के साथ जुटाया जो एक-दूसरे से सीधे मुंह बात तक नहीं करते थे। बिहार एनडीए में बीजेपी के साथ चिराग पासवान की लोजपा-आर, पशुपति पारस की रालोजपा, जीतनराम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलजेडी कुल चार क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं।

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