UPA राज के 10 साल में 15 घोटाले; मोदी सरकार के श्वेत पत्र में कांग्रेस, लालू और ममता पर भी निशाना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में यूपीए सरकार के 10 सालों के कार्यकाल पर ‘श्वेत पत्र’ पेश कर दिया है। इस श्वेत पत्र में 2004 से 2014 तक चली यूपीए सरकार पर आर्थिक कुप्रबंधन के आरोप लगाए गए हैं।इसके अलावा देश पर कर्ज बढ़ाने और आम आदमी के स्वास्थ्य आदि पर खर्च में भी इजाफा होने का दावा इसमें किया गया है। संसद में श्वेत पत्र को पेश किया गया है और अब इस पर बहस होगी। उसके बाद वित्त मंत्री खुद बहस का जवाब देंगी। श्वेत पत्र में यूपीएम के दौर में डिफेंस सेक्टर में भी कमजोरी का दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में रक्षा क्षेत्र की तैयारियां कमजोर थीं।

सबसे अहम बात है कि इस सर्वे में यूपीए सरकार के दौरान 15 घोटाले होने का दावा किया गया है। श्वेत पत्र में जिन घोटालों का जिक्र किया गया है, उनमें टूजी स्कैम और कोल ब्लॉक के आवंटन का घोटाला भी शामिल है। इन दोनों घोटालों की उस दौरान खूब चर्चा हुई थी और अन्ना आंदोलन से लेकर बाबा रामदेव के प्रदर्शन तक में इनका जोरशोर से जिक्र होता था। अब श्वेत पत्र में भी इनका जिक्र किया गया है और यूपीए सरकार के 10 सालों में 15 घोटालों का आरोप लगाया गया है। श्वेत पत्र में नौकरी के बदले जमीन घोटाले को भी शामिल किया गया है, जिसमें लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ जांच चल रही है। यह घोटाले तब होने का दावा किया जाता है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे।

श्वेत पत्र में शारदा चिटफंड स्कैम, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया केस का भी जिक्र किया गया है। गुरुग्राम और पंचकूला में लैंड डील, एंट्रीक्स देवास डील जैसे घोटालों का भी इस श्वेत पत्र में विस्तार से जिक्र हुआ है। बता दें कि लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ जमीन घोटाले के मामले में जांच चल रही है और उनसे कई बार पूछताछ भी की जा चुकी है। तेजस्वी यादव से भी इस मामले में लंबी पूछताछ हो चुकी है। श्वेत पत्र में आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील का भी जिक्र हुआ है।

ममता और लालू पर भी निशाना, शारदा और जमीन घोटाले का जिक्र

इस श्वेत पत्र में शारदा चिट फंड और नौकरी के बदले जमीन घोटाले का जिक्र करते हुए लालू यादव और ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा है। नौकरी के बदले जमीन घोटाले का जिक्र करते हुए श्वेत पत्र में लिखा गया है, ‘इस मामले में रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप डी में नौकरी के बदले में भूमि या संपत्ति हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त करना शामिल है। इसकी जांच चल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *