ऐसे ही नहीं ढीली पड़ी मालदीव की अकड़, भारत से पंगा पड़ता भारी; आंकड़े दे रहे गवाही

भारत और पीएम मोदी पर अशालीन टिप्पणियों के बाद अब मालदीव की अकड़ ढीली पड़ने लगी है। बीते दो दिनों में सोशल मीडिया पर बायकॉट मालदीव के साथ-साथ तमाम लोगों ने यहां की ट्रिप भी कैंसल की है।

इससे मालदीव सरकार को अंदाजा हो चुका है कि भारत से पंगा उसे भारी पड़ सकता है। असल में कोविड के बाद से हर साल दो लाख लोगों ने मालदीव की यात्रा की है। अगर इस संख्या में गिरावट आई तो टूरिज्म पर बड़े पैमाने पर आश्रित मालदीव की इकॉनमी की कमर टूटनी तय है। गौरतलब है कि बीते दो दिन से भारत और मालदीव के बीच तलवारें खिचीं हुई हैं। इसकी जड़ में है, मालदीव के मंत्रियों और नेताओं द्वारा पीएम मोदी और भारत पर अशालीन टिप्पणी। असल में पीएम मोदी ने बीते दिनों लक्षद्वीप का दौरा किया था। साथ ही उन्होंने लोगों को अपनी ट्रैवेल लिस्ट में शामिल करने की बात भी कही थी।

ऐसा है आंकड़ा
मालदीव टूरिज्म मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 में 2.09 लाख से अधिक भारतीय इस देश में पहुंचे थे। साल 2022 की बात करें तो इससे भी ज्यादा 2.4 लाख से अधिक भारतीय मालदीव पहुंचे थे, जबकि साल 2021 में यह आंकड़ा 2.11 लाख का था। गौरतलब है कि मालदीव उन चुनिंदा देशों में शामिल था, जहां कोविड के दौरान भी जाया जा सकता था। इस दौरान भी करीब 63000 भारतीयों ने इस देश की यात्रा की थी। साल 2018 में भारत पर्यटकों के मामले में मालदीव का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत था, जब 90,474 भारतीय यहां पहुंचे थे। वहीं साल 2019 में यह संख्या करीब-करीब दोगुनी हो गई थी।

कैंसल हो रही बुकिंग
हालांकि मालदीव के तीन मंत्रियों द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणियों के बाद यह देश बहिष्कार का सामना कर रहा है। सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट्स लगातार शेयर हो रही हैं, जिनमें भारतीयों द्वारा मालदीव की ट्रिप कैंसिल करने की बात कही जा रही है। ईजमाईट्रिप ने सोमवार को कहा कि उसने भारत के समर्थन में मालदीव को जाने वाली सभी फ्लाइट बुकिंग कैंसल कर दी है।

मालदीव सरकार का डैमेज कंट्रोल
हालांकि मालदीव सरकार ने तीनों मंत्रियों को रविवार को ही सस्पेंड कर दिया था। साथ उनके बयान से भी खुद को अलग कर लिया था। बाद में मालदीव के प्रतिनिधिमंडल से भारतीय विदेश मंत्रालय ने जवाब-तलब भी किया था। वहीं, पूर्व खेलमंत्री अहमद महलूफ ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि भारतीयों द्वारा बहिष्कार मालदीव को महंगा पड़ेगा।

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