मीटिंग से पहले ही उद्धव सेना तय कर रही कैंडिडेट, 23 पर फैसला; कैसे बनेगी INDIA में एकता?

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे पर चर्चा के लिए महा विकास अघाड़ी (MVA) के नेता मंगलवार को नई दिल्ली में बैठक करेंगे। इससे पहले ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना खुद को बढ़त देती नजर आ रही है।पार्टी ने उन 23 सीटों पर अपने संभावित उम्मीदवारों को हरी झंडी दिखा दी है जिन पर वो चुनाव लड़ना चाहती है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमने 23 लोकसभा सीटों को लेकर दावा किया है। हमारे पास इन सभी 23 सीटों के लिए उम्मीदवार हैं और हम उन्हें हरी झंडी भी दे चुके हैं। दिल्ली में होने वाली बैठक में हम अपनी इस मांग को रखेंगे।’साल 2019 में जब भाजपा से गठबंधन था तो शिवसेना (यूबीटी) ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे 18 पर जीत मिली थी। भाजपा उम्मीदवारों ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, 2022 में विद्रोह के बाद उद्धव गुट के 12 सांसदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से हाथ मिला लिया। संजय राउत ने कहा कि सेना अपने 5 मौजूदा सांसदों को चुनावी मैदान में उतार सकती है। इनमें अरविंद स्वांत (मुंबई दक्षिण), विनायक राउत (रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग), ओमराजे निंबालकर (उस्मानाबाद), संजय जाधव (परभणी) और राजन विचारे (ठाणे) शामिल हैं।

आसान नहीं होगा बागियों का रिप्लेसमेंट ढूंढना
मुंबई उत्तर-पश्चिम के सांसद गजजन कीर्तिकर शिंदे सेना के दलबदलुओं में शामिल हैं। माना जा रहा है कि ठाकरे सेना गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर को मुंबई उत्तर-पश्चिम से टिकट दे सकती है। राउत ने कहा, ‘हमने उनसे चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है।’ शिसेना (यूबीटी) भले ही यह दावा कर रही हो कि उसने अपने सभी संभावित उम्मीदवारों को हरी झंडी दे दी है, मगर यह टास्क आसान नहीं होने वाला है।

सीटों पर दावे बढ़ाएंगे गठबंधन की दिक्कतें
पार्टी के जो दिग्गज नेता अब खेमा बदल चुके हैं, उनका रिप्लेसमेंट ढूंढना आसान नहीं होगा। उद्धव गुट की ओर से अभी तक यह साफ नहीं किया गया है कि जिन 23 सीटों को लेकर दावा किया जा रहा है, उनमें किन नेताओं को टिकट दिया जाएगा। साथ ही यह भी देखने वाली बात होगी कि क्या MVA के सहयोगी दल राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 23 सीटें शिवसेना UBT को देने के लिए तैयार होते हैं या नहीं। साथ ही सीटों को लेकर अभी से दावे करने से लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन के मिलकर लड़ पाने पर सवाल खड़े होते हैं।

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