जमीन के बदले नौकरी घोटाले (लैंड फॉर जॉब केस) में लालू परिवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए सभी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और सांसद मीसा भारती को जमानत दे दी है।सीबीआई ने उनकी जमानत की अर्जी का कोर्ट में विरोध नहीं किया। इस केस की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।लालू, राबड़ी, तेजस्वी और मीसा भारती समेत लैंड फॉर जॉब केस के सभी 17 आरोपी बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट के आधार पर सभी को पिछले महीने समन किया था। सभी आरोपियों ने कोर्ट में बुधवार को जमानत की अर्जी दी। कोर्ट ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत देने का फैसला सुनाया। साथ ही 16 अक्टूबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की गई है। बताया जा रहा है कि इस दिन से केस का ट्रायल शुरू किया जाएगा।रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई की ओर से कोर्ट में दलील दी गई की उसके पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत और गवाह हैं। हालांकि अदालत ने कहा कि अभी आरोपियों की जमानत अर्जी रद्द करने का कोई औचित्य नहीं बनता है। बता दें कि सीबीआई ने बीते 3 जुलाई को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी, जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया था।जमीन के बदले नौकरी देने का कथित घोटाला साल 2004 से 2009 के बीच का है। यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप हैं कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में कुछ लोगों को नियमों की अनदेखी कर फर्जी तरीके से नौकरी दी गई थी। इसके बदले में लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर पर बहुत ही कम दाम में बेशकीमती जमीनें लिखवाई गईं। सीबीआई ने 2021 में इस केस की जांच शुरू की थी।पिछले साल जुलाई में लालू के ओएसडी रहे भोला यादव को जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। फिर अक्टूबर 2022 में पहली चार्जशीट दायर की गई, जिसमें लालू, राबड़ी, मीसा भारती समेत अन्य को आरोपी बनाया गया। इस साल मार्च महीने में सीबीआई ने लालू परिवार और उनके करीबियों के ठिकानों पर रेड भी मारी। ईडी भी इस केस के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर रही है।