प्रदर्शनकारी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने की मांग पर अड़े हुए हैं। एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। इस बीच, खबर है कि सरकार MSP को लेकर समिति के गठन का प्रस्ताव रख सकती है, जिसमें सरकारी अधिकारियों और किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।सूत्रों के हवाले से बताया कि यह समिति एमएसपी समेत दूसरे मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगी। इस पैनल में किसान संगठनों की ओर से कौन-कौन शामिल होंगे, इसे लेकर उनसे नाम मांगे जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, सरकार का मानना है कि किसानों की मांगों पर राज्य सरकारों और कृषि से जुड़े अन्य सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों के साथ चर्चा जरूरी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों की मांगों को लेकर इससे पहले भी कमेटी बनी थी। संजय अग्रवाल के नेतृत्व में गठित इस पैनल के लिए किसान संगठनों ने अपने प्रतिनिधियों के नाम नहीं दिए। अब किसानों का प्रदर्शन फिर से तेज होने पर नए सिरे से पैनल के गठित करने की बात सामने आई है। हालांकि, यह देखने वाली बात होगी कि क्या प्रदर्शनकारी किसान पैनल बनाने के सुझाव पर सहमित होते हैं या नहीं। दरअसल, किसान संगठन इस मांग को लेकर अड़े हुए हैं कि सरकार की ओर से MSP की गारंटी देने में अब विलंब न हो।
‘MSP को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लाए सरकार’
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लाए। किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू व खनौरी में डटे हुए हैं। एमएसपी की कानूनी गारंटी दिया जाना उनकी मुख्य मांग है। किसान नेता पंधेर का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब किसान नेता और केंद्रीय मंत्रियों के बीच कल रविवार को चौथे दौर की वार्ता होनी है। पंधेर ने कहा कि केंद्र के पास राजनीतिक निर्णय लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘अगर केंद्र सरकार चाहे तो वह रातोंरात अध्यादेश ला सकती है। अगर सरकार किसानों के आंदोलन का कोई समाधान चाहती है तो उसे यह अध्यादेश लाना चाहिए कि वह एमएसपी पर कानून लागू करेगी, तब बातचीत आगे बढ़ सकती है।’