राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को के. कविता को एक सप्ताह के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया, लेकिन कई सवाल भी किए। ट्रायल कोर्ट ने पूछा कि क्या 15 मार्च को कविता की गिरफ्तारी की कोई तत्काल आवश्यकता थी, जब सुप्रीम कोर्ट 19 मार्च को उसके मामले की सुनवाई करने वाला है।अगर मामला 19 मार्च को सुनवाई के लिए आ रहा था, तो उसे गिरफ्तार करने की क्या जल्दी थी? जिसके जवाब में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि किसी भी कोर्ट में उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही न किए जाने की कोई बात नहीं कही गई थी।
दुरुपयोग बताया
कविता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने दलील दी कि शुक्रवार शाम को उनकी गिरफ्तारी सत्ता का दुरुपयोग थी, जिसने 19 मार्च तक उनकी गिरफ्तारी पर प्रभावी रोक का उल्लंघन किया। चौधरी ने कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आश्वासन दिया था कि ईडी तब तक कविता को गिरफ्तार नहीं करेगी।
ईडी ने क्या दिया जवाब?
परिवर्तन निदेशालय की तरफ से पेश वकील ने इसका खंडन किया। उन्होंने कहा कि किसी भी अदालत में या बयान नहीं दिया गया है कि कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा। बचाव पक्ष अखबार की रिपोर्टिंग सामने रख रहा है, जो कि कोर्ट में मान्य नहीं है।
ईडी ने कहा, मुनाफा मिलने के साक्ष्य
ईडी ने कोर्ट में कहा कि हमारे पास बयान है कि 33 फीसदी मुनाफा के. कविता को जाएगा। गिरफ्तारी में देरी होने को लेकर निदेशालय की तरफ से पेश वकील ने कहा की गिरफ्तारी पहले ही हो जाती, लेकिन उनके कार्यालय में 20 लोग जबरन घुस आए और वीडियो बनाकर खुद ही सोशल मीडिया पर डाल दिया।
तेलंगाना में विरोध प्रदर्शन
वहीं दूसरी ओर इस वाकए को लेकर बीआरएस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूरे तेलंगाना में विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने के. कविता की गिरफ्तारी की निंदा की। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने एक्स पर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। बीआरएस ने कहा- के. कविता की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ पूरे तेलंगाना में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया।