निर्वाचन आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। इसके साथ देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस बार सात चरणों में वोट डाले जाएंगे। चुनाव 19 अप्रैल से पहली जून तक होंगे जबकि मतों की गिनती चार जून को होगी।मध्य प्रदेश में कुल चार चरणों में वोटिंग होगी। मध्य प्रदेश में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई और 13 मई को वोट डाले जाएंगे। एमपी में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस को एक सीट से संतोष करना पड़ा था। इस रिपोर्ट में एक नजर मध्य प्रदेश की हॉट सीटों पर…
1- गुना लोकसभा सीट
मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट पर होने वाली चुनावी लड़ाई पर नजरें होंगी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 2019 में अपनी हारी हुई इस सीट को हासिल करने के लिए चुनाव मैदान में हैं। यह सीट सिंधिया परिवार का गढ़ मानी जाती है लेकिन 2019 में कांग्रेस को बड़े उलटफेर का सामना करना पड़ा था। पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने भाजपा ने केपी सिंह यादव को मैदान में उतार दिया था। सिंधिया 1.26 लाख मतों से हार गए थे। अब सिंधिया भाजपा से इसी सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं।
2. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट
महाकोशल क्षेत्र की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट 1980 से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ मानी जाती है। आलम यह कि छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की सभी सात विधानसभा सीटें अभी भी कांग्रेस के पास हैं। कमलनाथ ने नौ बार इस सीट से प्रतिनिधित्व किया है। कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ ने 1996 में इस सीट से चुनाव जीता था। फिर बेटे नकुल नाथ ने 2019 में इसी सीट से जीत दर्ज की थी। छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की सभी सात विधानसभा सीटें अभी भी कांग्रेस के पास हैं। पिछले सात दशकों में केवल एक बार भाजपा ने इस सीट से चुनाव जीता है।
3- विदिशा लोकसभा सीट
इस बार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दशकों के बाद लोकसभा चुनाव के समर में उतरे हैं। भाजपा ने उनको विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। वह अपना छठा संसदीय चुनाव लड़ेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी 1991 और सुषमा स्वराज 2009 और 2014 के चुनावों में इस लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। शिवराज सिंह चौहान का गृह क्षेत्र बुधनी विदिशा लोकसभा सीट में आती है। यह भाजपा का गढ़ रही है। इस सीट से कांग्रेस ने 1967 के बाद से केवल दो बार 1980 और 1984 में चुनाव जीता है।
4. भोपाल लोकसभा सीट
इस लोकसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है। आलम यह कि 1989 के बाद भाजपा को भोपाल लोकसभा सीट पर कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा है। इस लोकसभा क्षेत्र में भोपाल और पड़ोसी सीहोर जिले शामिल हैं। बीजेपी नेता उमा भारती (1999) और पूर्व सीएम कैलाश जोशी (2004 और 2009) में भोपाल लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह मैदान में थे। उन्हें मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 3.65 लाख मतों के अंतर से हराया था। बीजेपी ने इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया है।
5. टीकमगढ़ लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश की झांसी शहर की सीमा से लगे बुंदेलखंड क्षेत्र की टीकमगढ़ (एससी) लोकसभा सीट मध्य प्रदेश की हॉट सीटों में शुमार है। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार जो इस सीट से सांसद हैं। बीजेपी ने उनको चौथी बार चुनाव मैदान में उतारा है। वीरेंद्र कुमार इस सीट से 2004, 2014 और 2019 में इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं। कांग्रेस ने वीरेंद्र कुमार के खिलाफ पंकज अहिरवार को मैदान में उतारा है। पंकज अहिरवार (Pankaj Ahirwar) कांग्रेस एससी सेल की टीकमगढ़ इकाई के अध्यक्ष हैं।
6- खजुराहो लोकसभा सीट
भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य विष्णु दत्त शर्मा को खजुराहो लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। वह लगातार दूसरी बार इस सीट से दो-दो हाथ करेंगे। भाजपा साल 2004 से इस सीट से लगातार चुनाव जीतती रही है। उमा भारती 1989 और 1998 के बीच चार बार इस सीट से निर्वाचित हुईं। साल 1999 में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी खजुराहो से चुने गए थे। फिर 2004 में भाजपा के राम कृष्ण कुसुमरिया ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। तब से यह सीट भाजपा का गढ़ बनी हुई है।
7. मंडला लोकसभा सीट
भाजपा ने मंडला लोकसभा सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते को टिकट दिया है। फग्गन सिंह कुलस्ते नवंबर 2023 का विधानसभा चुनाव हार गए थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सदस्य रहते हुए मंडला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। अब एक बार फिर इसी सीट से वह चुनाव मैदान में हैं। फग्गन सिंह कुलस्ते 2009 को छोड़कर साल 1996 के बाद से लगातार इस सीट से लोकसभा चुनाव जीतते रहे हैं। 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार बसोरी सिंह मसराम ने उन्हें हराया था। कांग्रेस ने फग्गन सिंह कुलस्ते के खिलाफ डिंडोरी से मौजूदा विधायक और मंडला से पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम को चुनाव मैदान में उतारा है। इस तरह इस सीट पर चुनावी जंग बेहद रोचक हो गई है।