जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों का प्रभुत्व बढ़ने की वजह से आतंकी गुट घटनाओं को अंजाम देने के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। प्राकृतिक गुफा, जंगल और पहाड़ों में छिपकर हमले किए जा रहे हैं।आतंकी वारदात के बाद भागने में भी सफल हो रहे हैं। अब सुरक्षाबलों ने नई रणनीति तैयार की है। विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर आतंकियों को वहां से उखाड़ने की तैयारी है।
सुरक्षा बल के अधिकारियों के अनुसार, हमने आतंकियों को गुफाओं और पहाड़ों से उखाड़ने के लए कई प्लान तैयार किए हैं। इसके नतीजे जल्द देखने को मिलेंगे। अधिकारी के अनुसार, छिपकर हमले किए जा रहे हैं, लेकिन सुरक्षा बल ज्यादातर आतंकी प्लान को विफल कर रहे हैं। यही वजह है कि आतंकी घटनाओं में ज़बरदस्त कमी आई है ।
घटी है आतंकियों की संख्या
जम्मू-कश्मीर में इस समय 91 आतंकी सक्रिय हैं। इसमें करीब 66 पाकिस्तानी आतंकी बताये जा रहे हैं, जबकि 25 स्थानीय आतंकी हैं। वर्ष 2022 में 135 आतंकी सक्रिय थे। आतंकी स्थानीय युवाओं को समूह में भर्ती करने के लिए भ्रमित कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की सक्रियता के कारण उनकी यह मुहिम कमजोर पड़ी है। पिछले कुछ महीनों में आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के राजौरी के पहाड़ी इलाके में कई बार भारतीय सुरक्षाबलों पर हमला कर चुके हैं।
कम हो रहीं आतंकी घटनाएं
साल 2018 में 228 आतंकी घटनाएं हुई थीं, वहीं साल 2023 में इनकी संख्या घटकर 44 रह गई। 2018 में 189 मुठभेड़ हुईं, वहीं 2023 में सिर्फ 48 मुठभेड़ हुईं। साल 2018 में पत्थरबाजी की 1221 घटनाएं हुईं तो 2023 में एक भी मामला सामने नहीं आया। संगठित हड़ताल जो 2018 में 52 थीं, वो 2023 में शून्य हो गईं। सूत्रों ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बल भी अपनी रणनीति लगातार बदलकर आतंकियों पर प्रहार कर रहे हैं। पहाड़ों और जंगलों में स्थानीय खुफिया तंत्र को मजबूत करके तकनीकी के तालमेल के साथ सटीक सूचनाओं के संग्रह पर जोर दिया जा रहा है।