कैलाश विजयवर्गीय ने महासचिव पद से दिया इस्तीफा, पार्टी के इस नियम की वजह से फैसला

ध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके विधायक और फिर मंत्री बने कैलाश विजयवर्गीय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संगठन में अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है। कैलाश विजयर्गीय ने गुरुवार को महासचिव पद से इस्तीफा दिया।उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करके इस्तीफा दिया। नड्डा ने ‘एक व्यक्ति एक पद’ फॉर्मूले का हवाला देते हुए यह फैसला किया।विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘आज मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी से मिला। हमारी पार्टी के सिद्धांत ‘एक व्यक्ति एक पद’ के अनुसार मैंने महासचिव पद से उन्हें इस्तीफा सौंपा। मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने 9 वर्ष तक पहले अमित शाह जी फिर जेपी नड्डा जी के मार्गदर्शन में देश के विभिन्न स्थानों पर संगठन को गढ़ने में प्राणप्रण से कार्य किया।’उन्होंने आगे कहा, ‘अब मुझे पार्टी ने मध्यप्रदेश में एक नई भूमिका के लिए भेजा है। मैं प्रधानमंत्री जी का संकल्प वर्ष 2047 में भारत, विश्व का शक्तिशाली देश बने। इस दिशा में मध्यप्रदेश को शक्तिशाली बनाने के लिए हम माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी और अमित शाह जी के नेतृत्व में काम करेंगे। मेरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश विकास की एक नई इबारत लिखेगा।’इंदौर-1 विधानसभा सीट से विधायक और फिर मोहन सरकार में मंत्री बने कैलाश विजयवर्गीय ने हरियाणा से पश्चिम बंगाल तक कई राज्यों में संगठन को मजबूत बनाने के लिए काम किया। नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें उतारा तो शुरुआत में उन्होंने खुलकर कहा था कि उनकी ऐसी इच्छा नहीं थी। लेकिन पार्टी के फैसले को स्वीकार करते हुए उन्होंने नई जिम्मेदारी को स्वीकार किया।

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