रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बीजिंग पहुंच गए हैं और बुधवार को उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान मुलाकात होगी। पुतिन का बीजिंग दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब यूक्रेन के साथ रूस की लड़ाई पहले से जारी है, इसके अलावा हमास को लेकर इजरायल खुले तौर पर जंग का ऐलान करने वाला है।इसी दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इजरायल का दौरा कर रहे हैं। बाइडेन का दौरा हमास के खिलाफ इजरायल के हौसले बुलंद करने जैसा है। वहीं रूस और चीन दोनों ने इजरायल की कार्रवाइयों की आलोचना चुके हैं और वहां युद्ध विराम चाहते हैं। ऐसे में चीन और रूस की मुलाकात एक हाई प्रोफाइल शो होने वाला है, जहां पूरी दुनिया की नजर पुतिन और जिनपिंग की मुलाकात पर होगी।हाल के वर्षों में, रूस-चीन संबंध लगातार गहरे होते जा रहे हैं और पुतिन और शी जिनपिंग ने गहरी व्यक्तिगत मित्रता स्थापित की है। दोनों की आखिरी मुलाकात मार्च में मॉस्को में हुई थी। पुतिन, वन बेल्ट, वन रोड पहल की 10वीं वर्षगांठ के इवेंट में हिस्सा लेने के लिए चीन गए हैं। यह पहली बार है कि पुतिन ने इस साल पूर्व सोवियत संघ के बाहर किसी देश का दौरा किया है।
सुधरेगी पुतिन की छवि?
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि दुनिया के नक्शे में अपनी छवि सुधारने की पुतिन ने चीन का दौरा किया। वह वन बेल्ट, वन रोड की 10वीं वर्षगांठ के इवेंट में 140 देशों से आए प्रतिनिधियों के साथ हिस्सा ले रहे हैं, इस इवेंट में पुतिन की मौजूदगी दुनिया के उनकी छवि बेहतर कर सकती है, जो यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में पूरी तरह से अलग-थलग थी। हालांकि, उन्होंने सितंबर में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया, जहां दुनियाभर के शीर्ष देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया था।
इजरायल के एक्शन के खिलाफ दोनों देश
पुतिन की बीजिंग यात्रा इस उम्मीद के बीच हो रही है कि इजरायल जल्द ही गाजा के अवरुद्ध फिलिस्तीनी क्षेत्र पर जमीनी आक्रमण शुरू कर सकता है। सोमवार को जब रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की बीजिंग में बैठक हुई, तो यह मुद्दा एजेंडे में शीर्ष पर था, जिसमें दोनों पक्षों ने मानवीय आपदा को रोकने के लिए अधिक प्रयास करने का आह्वान किया। बैठक में चीन में कहा, “हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता गोलीबारी बंद करना है, दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर वापस लाना और एक और मानवीय आपदा को फिर से होने से रोकने के लिए आपातकालीन मानवीय चैनल स्थापित करना है।” हालांकि, युद्धविराम का आह्वान करने वाला रूस द्वारा तैयार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव सोमवार को 15 सदस्यीय निकाय में आवश्यक न्यूनतम नौ वोट हासिल करने में विफल रहा। ऐसे में पुतिन और शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर कोई और फैसला ले सकते हैं।
यूक्रेन युद्ध पर हो सकती है चर्चा
मिडिल ईस्ट में संकट गहराने के बावजूद, यूक्रेन के साथ चल रहा रूस का संघर्ष दोनों व्यक्तियों के बीच बातचीत का केंद्र बिंदु होने की संभावना है। हाल की रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र है कि रूस ने यूक्रेन पर हमला और तेज कर दिया है। हालांकि, बीजिंग ने युद्ध में खुद को एक तटस्थ पक्ष के रूप में चित्रित करने की कोशिश की है और मार्च में जब शी जिनपिंग ने मास्को का दौरा किया, तो उन्होंने अपनी 12-सूत्रीय शांति योजना को बढ़ावा देने के लिए राजनयिक गतिविधियों की एक सीरीज शुरू की थी। हालांकि, इन प्रयासों में बहुत कम प्रगति हुई है। यूक्रेन के सहयोगियों ने खुद को मध्यस्थ के रूप में स्थापित करने के चीन के प्रयासों को काफी हद तक खारिज कर दिया है। ऐसे में इस दौरे पर चीन एक बार फिर पुतिन के सामने अपनी योजना को दोहरा सकता है।
लगातार गहरी होती दोस्ती
शी जिनपिंग और पुतिन के बीच 2013 में दोस्ती हुई जब उन्होंने रूसी नेता का जन्मदिन मनाने के लिए इंडोनेशिया में एक शिखर सम्मेलन में केक खाया और वोदका पिया था। उसके बाद वे करीब आ गए, और पांच साल बाद शी जिनपिंग पुतिन के साथ चीन भर में हाई-स्पीड ट्रेन यात्रा पर गए। जब शी जिनपिंग ने बाद में रूस का दौरा किया दोनों ने कैवियार पैनकेक खाते हुए एक नदी पर यात्रा की। 2019 में, रूसी नेता ने ताजिकिस्तान में एक सम्मेलन में शी जिनपिंग के लिए जन्मदिन की पार्टी रखी और उन्हें आइसक्रीम खिलाकर आश्चर्यचकित कर दिया। जैसे-जैसे दोनों देशों के नेताओं के बीच दोस्ती गहरी होती जा रही है, चीन और रूस भी करीब आते गए हैं। पुतिन की आखिरी बीजिंग यात्रा फरवरी 2022 में हुई थी।