लोकसभा चुनाव से ऐन पहले संदेशखाली केस में टीएमसी नेताओं के कारिस्तान और जनता के नेताओं के खिलाफ खिलाफ उग्र प्रदर्शन ने पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी का पारा चढ़ा दिया है।टीएमसी के नेता जमीन पर कब्जा करने, यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोपों को लेकर विवादों का सामना कर रहे हैं। मंगलवार को ममता ने पार्टी नेताओं को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि ऐसे हालातों में जनता बाहर फेंक देगी और कोई आपको देखेगा भी नहीं। ममता ने दो टूक शब्दों में कहा कि जो लोग टीएमसी में मेरे साथ हैं, वे विश्वास करें नहीं तो घर चले जाओ या किसी और दल में शामिल हो जाओ।ममता बनर्जी ने पुरुलिया जिले में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “मैं ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों में अपने सभी नेताओं को बताना चाहूंगी कि एक साथ काम करो। यह वही लोग हैं जिन्होंने आपको सत्ता में वोट दिया है और इसीलिए आप यहां हैं। अगर लोग आपको बाहर निकाल देंगे तो कोई आपकी तरफ देखेगा भी नहीं।”
लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में स्थानीय पार्टी नेताओं के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद टीएमसी डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई है। जहां कुछ आरोपी नेताओं को उनकी पार्टी के पदों से हटा दिया गया है, वहीं कुछ को जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
घर चले जाओ या कोई और पार्टी जॉइन कर लो
ममता बनर्जी का कहना है, “मैंने हमेशा इस पर विश्वास किया है और जो लोग टीएमसी में मेरे साथ हैं, मैं भी चाहूंगी कि वे भी इस पर विश्वास करें। अन्यथा घर चले जाओ या किसी और दल में शामिल हो जाओ, मुझे कोई समस्या नहीं है। आप टीएमसी में रहते हुए लोगों को वंचित नहीं कर सकते।”
गौरतलब है कि संदेशखाली के कई गांव इस महीने की शुरुआत से ही उबाल पर हैं। ग्रामीण, ज्यादातर महिलाएं, टीएमसी नेता और जिला परिषद नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। पुलिस पहले ही शेख के दो सहयोगियों और टीएमसी जिला परिषद सदस्यों शिबा प्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार को जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है।
हाल ही में भीड़ ने टीएमसी पंचायत नेता अजीत मैती के साथ मारपीट की थी और उनके घर में तोड़फोड़ की। उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया है। शेख सिराउद्दीन, शंकर सरदार और हलधर अरी सहित कई टीएमसी नेताओं की संपत्तियों पर भी हाल ही में हमला हुआ था। उत्तम सरदार, अजीत मैती और सिराजुद्दीन जैसे कुछ लोगों को पार्टी पदों से हटा दिया गया है।