भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ के एक खुलासे से हड़कंप मच गया है। उन्होंने अपनी किताब में खुलासा किया है कि इसरो के पूर्व प्रमुख के. सिवन ने उन्हें अंतरिक्ष एजेंसी का अध्यक्ष बनने से रोकने की कोशिश की थी।दक्षिण भारत के मीडिया संस्थान मनोरमा ने सोमनाथ की किताब के हवाले से रिपोर्ट लिखी है। इसमें कहा गया है कि सोमनाथ ने अपनी आत्मकथा ‘निलावु कुदिचा सिम्हांगल’ में ये सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने किताब में कहा कि चंद्रयान 2 मिशन विफल रहा क्योंकि इसे आवश्यक परीक्षण किए बिना जल्दबाजी में लॉन्च किया गया था। सोमनाथ ने कहा कि उन्हें और सिवन, जो 60 वर्ष के बाद विस्तार पर सेवा में बने रहे, को 2018 में ए एस किरण कुमार के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद इसरो के अध्यक्ष पद के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था।
हालांकि, इसरो के अध्यक्ष बनने के बाद भी सिवन ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक के रूप में अपना पद नहीं छोड़ा। जब सोमनाथ ने सिवन से उस पद की मांग की, जो उचित रूप से उनका था, तो सिवन ने कोई जवाब दिए बिना टाल-मटोल किया। अंतरिक्ष केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ बी एन सुरेश के हस्तक्षेप के बाद छह महीने के बाद आखिरकार सोमनाथ को वीएसएससी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया। सोमनाथ का यह भी आरोप है कि इसरो अध्यक्ष के रूप में तीन साल की सेवा के बाद रिटायर होने के बजाय, सिवन ने अपना कार्यकाल बढ़वाने की कोशिश की थी। सोमनाथ ने कहा कि मुझे लगता है कि यूआर राव अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक को अंतरिक्ष आयोग में तब लिया गया था जब इसरो के नए अध्यक्ष का चयन करने का समय था, ताकि मैं अध्यक्ष न बन सकूं।”
सोमनाथ ने यह भी दावा किया कि जिस दिन चंद्रयान-2 चंद्रमा पर उतरने वाला था, उस दिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे तो उन्हें उनके स्वागत के लिए आए लोगों के समूह से भी दूर रखा गया था। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि चेयरमैन ने यह सच्चाई बताने के बजाय कि सॉफ्टवेयर में एक त्रुटि थी जिसके कारण चंद्रयान 2 की लैंडिंग में विफलता हुई, उन्होंने घोषणा की कि लैंडर के साथ संपर्क स्थापित नहीं किया जा सका। सोमनाथ ने अपनी किताब में कहा है कि सिवन ने चंद्रयान 2 मिशन में कई बदलाव किए, जो तब शुरू हुआ जब किरण कुमार अध्यक्ष थे। अत्यधिक प्रचार-प्रसार ने भी चंद्रयान 2 मिशन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। उनकी सबसे बड़ी संतुष्टि यह थी कि जब चंद्रयान 3 मिशन में सफल हुआ तो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से बधाई देने पहुंचे थे।
सोमनाथ की सफाई, किसी विशेष के खिलाफ नहीं
वहीं, दक्षिण भारत के मीडिया संस्थान में यह आर्टिकल सामने आने के बाद देशभर में हंगामा मच गया। इसके बाद पीटीआई को दिए बयान में इसरो चीफ सोमनाथ ने सफाई दी कि उनकी टिप्पणी किसी विशेष के खिलाफ नहीं थी। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि किसी संगठन में शीर्ष पद तक पहुंचने की यात्रा के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी तरह की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है और उन्होंने भी जीवन में ऐसी कठिनाइयों का सामना किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अंतरिक्ष एजेंसी में अपनी दशकों लंबी यात्रा के दौरान सामना की गई कुछ चुनौतियों का उल्लेख अपनी आगामी आत्मकथा, ‘निलावु कुदिचा सिम्हंगल’ में किया है । उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ”लेकिन यह किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है।”