इजराइल के टारगेट पर ईरान के सुप्रीम लीडर! क्या दुनिया से खत्म हो जाएगा शिया नेताओं का प्रभुत्व?

गाजा जंग को एक साल पूरे होने वाले हैं, इस बीच इजराइल, हमास और हिजबुल्लाह के लगभग सभी बड़े लीडर्स और कमांडर्स को खत्म कर चुका है. 27 सितंबर को लेबनान के बेरूत में हुए हमले में हसन नसरल्लाह की मौत हो गई. नसरल्लाह शिया विद्रोही संगठन हिजबुल्लाह का सबसे बड़ा चेहरा और ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई के चहेते थे.

बीते 15 दिनों में ही इजराइल ने हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप को खत्म कर दिया है, बावजूद इसके मिडिल ईस्ट में संघर्ष खत्म होता या कम होता नज़र नहीं आ रहा है.

इस बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इजराइल पर हुए हमलों के लिए बार-बार ईरान को कसूरवार ठहराते दिख रहे हैं, नेतन्याहू के बयान और तेवर बताते हैं कि इजराइल का अगला टारगेट ईरान हो सकता है. बीते कुछ महीनों से इजराइल ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए छोटे प्यादों की जगह बड़े प्लेयर्स को निशाना बनाया है. माना जा रहा है कि अगर इजराइल इसी रणनीतिक के तहत ईरान के खिलाफ कार्रवाई करता है तो उसका अगला टारगेट ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई हो सकते हैं.

शिया नेतृत्व का प्रभाव कम हो जाएगा?

वहीं हिजबुल्लाह चीफ के मारे जाने के बाद से खामेनेई ईरान में किसी सुरक्षित ठिकाने में हैं, अगर उनके खिलाफ इजराइल किसी भी प्लानिंग को अंजाम देता है तो क्या दुनियाभर में शिया नेतृत्व का प्रभाव कम हो जाएगा? ये सवाल इसलिए क्योंकि ईरान सबसे बड़ी शिया आबादी का नेतृत्व करता है और दुनिया में इस वक्त खामेनेई के कद का कोई दूसरा बड़ा शिया नेता या धर्मगुरु मौजूद नहीं है.

ईरान और इजराइल कभी अच्छे दोस्त हुआ करते थे लेकिन 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद दोनों के रिश्ते बिगड़ने लगे. इस्लामिक क्रांति के बाद अयातुल्लाह रुहोल्लाह खुमैनी वापस ईरान लौटे और सर्वोच्च लीडर की कमान संभाली. खुमैनी इजराइल और अमेरिका को ‘शैतान’ कहते थे. खुमैनी की मौत के बाद खामेनेई ने ईरान के सुप्रीम लीडर का पद संभाला, उन्होंने इजराइल और अमेरिका को लेकर खुमैनी की विचारधारा का दृढ़ता से पालन किया.मौजूदा समय में वह मुस्लिम उम्माह की एक मजबूत आवाज़ बनकर उभरे हैं.

उत्तराधिकारी माने जा रहे रईसी की मौत

ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को उनका उत्तराधिकारी माना जा रहा था लेकिन मई में हुए एक हादसे में उनकी मौत हो चुकी है. रईसी की मौत के बाद सत्ता में आए मसूद पेजेश्कियान उदारवादी विचारधारा के हैं. 2 महीने के कार्यकाल में ही वह इजराइल के खिलाफ बैकफुट पर ही नजर आते हैं, यही वजह है कि तेहरान में हमास लीडर इस्माइल हानिया की हत्या के बावजूद वह जवाबी कार्रवाई करने से बचते रहे.

बेटा मोजतबा ले पाएगा खामेनेई की जगह?

इब्राहिम रईसी के बाद माना जा रहा है कि अयातुल्ला अली खामेनेई के बेटे मोजतबा खामेनेई को उनका उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है. मोजतबा को उनके पिता की परछाई बताया जाता है. उनका जन्म धार्मिक शहर मशाद में हुआ था और वह अपने पिता की ही तरह एक मौलवी हैं. मोजतबा को अपने पिता के कट्टरपंथी हलकों में ताकतवर माना जाता है लेकिन बावजूद इसके वह फिलहाल दुनियाभर के शियाओं का नेतृत्व करने वाला चेहरा नहीं बन पाए हैं.

इजराइल का दुश्मन नंबर एक है ईरान!

अमेरिका और इजराइल भी अच्छी तरह जानते हैं कि मौजूदा समय में ईरान और खामेनेई ही एकमात्र ऐसे नाम हैं जो उसके लिए बड़ी मुसीबत पैदा कर सकते हैं. यही वजह है कि इजराइली प्रधानमंत्री बीते कुछ दिनों से बार-बार ईरान का नाम लेकर संकेत दे रहे हैं कि उनका अगला टारगेट कौन होगा. लेकिन क्या खामेनेई जैसी शख्सियत को टारगेट कर पाना इजराइल के लिए आसान होगा? क्या गाजा और लेबनान की तरह ईरान पर अटैक करना मुमकिन होगा? मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष के बीच ईरान और इजराइल की दुश्मनी क्या मोड़ लेगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

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