भारत की अर्थव्यवस्था पिछले एक दशक से लगातार वृद्धि की ओर है। इस बात का जिक्र करते हुए यूरोपीय संसद के थिंक टैंक एक्सपर्ट एंजेलोस डेलिवोरियस ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जीडीपी वृद्धि दर का चीन से अधिक होना दुनिया भर में एक मजबूत आर्थिक महाशक्ति के रूप में नई दिल्ली के उदय को दर्शाता है।डेलिवोरियास ने कहा, ‘भारत ने चीन की विकास दर को पीछे छोड़ दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में भी यह पैटर्न बना रहेगा।’ उन्होंने कहा कि नई दिल्ली की ओर से आर्थिक विकास को लेकर जो नीतियां बनाई गई हैं, उनका असर दिख रहा है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ बरसों में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर चीन से अधिक रही है। 2023 में भारत की औसत वृद्धि 7.5 प्रतिशत से अधिक रही, जबकि चीन की औसत वृद्धि 5.2 प्रतिशत थी। इसके अलावा, भारत की जीडीपी भी 2026 तक 7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। अगर चीन की बात करें तो उसकी जीडीपी 4.6 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। IMF के अनुसार, चीन की 2024 की वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2028 में घटकर 3.5 प्रतिशत हो जाएगी।
अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर काफी प्रगति: एक्सपर्ट
यूरोपीय संसद के नीति विशेषज्ञ ने कहा, ‘हाई जीडीपी वृद्धि के अलावा, भारत ने अपने आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश किया है। यह इंटरनेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में भी भाग लेता है। पिछले साल हमने देखा कि अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर काफी प्रगति हुई है। भारत चंद्रमा पर उतर चुका है।’ उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के पास इसे लेकर व्यापक आर्थिक रणनीति है। ‘भारत क्यों मायने रखता है और यूरोपीय संघ के लिए इसका क्या अर्थ है’ विषय पर ईपीआरएस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने यह बात कही।
भारत की विकास दर पर IMF ने क्या कहा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपने कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम के भारत की वृद्धि दर को लेकर हालिया बयान से खुद को अलग कर लिया था। आईएमएफ ने कहा है कि सुब्रमण्यम उसके मंच पर भारत के प्रतिनिधि की भूमिका में थे। प्रवक्ता जूली कोजैक सुब्रमण्यम के हालिया बयानों पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं, जिसमें उन्होंने भारत के लिए 8 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। यह आईएमएफ की ओर से जारी पिछले वृद्धि दर अनुमानों से अलग है। सुब्रमण्यम ने 28 मार्च को नई दिल्ली में कहा था कि अगर देश पिछले 10 वर्षों में लागू की गई अच्छी नीतियों को दोगुना कर देता है और सुधारों में तेजी लाता है तो भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक 8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। कोजैक ने कहा, ‘जनवरी तक हमारा वृद्धि अनुमान 6.5 प्रतिशत की मध्यम अवधि की वृद्धि के लिए था। यह अक्टूबर की तुलना में थोड़ा ऊपर की ओर संशोधन था। फिर से, हम कुछ ही सप्ताह में नवीनतम पूर्वानुमान पेश करेंगे।’