गाजियाबाद कब और कैसे पड़ा था नाम, जिसे बदल सकती है योगी सरकार; किससे जुड़ी कहानी

लाहाबाद, फैजाबाद की तरह अब उत्तर प्रदेश में एक और जिले का नाम बदलने की तैयारी चल रही है। संभव है कि जल्द ही गाजियाबाद को नया मिल जाए। गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास करके योगी आदित्यनाथ सरकार से इसकी गुजारिश की गई है।यदि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे मंजूर करते हैं तो गाजियाबाद को नई पहचान मिल जाएगी। मेयर सुनीत दयाल ने बताया गाजियाबाद का नया नाम क्या रखा जाएगा यह शासन स्तर से तय होगा।

भाजपा पार्षद शीतल देओल ने बोर्ड बैठक में जनपद का नाम बदलने की मांग की। उन्होंने कहा कि लंबे समय से मांग की जा रही है। इसके बावजूद गाजियाबाद का नाम नहीं बदला जा रहा। उन्होंने कहा कि जनपद का नाम बदलने के लिए सदन समर्थन करता है। भाजपा पार्षद संजय कुमार ने भी गाजियाबाद का नाम गजनगर या हरनंदी नगर रखने का प्रस्ताव रखा। लेकिन महापौर ने कहा कि गाजियाबाद का नाम नया नाम सदन तय नहीं करेगा। शासन जो भी चाहे वह नाम रख सकता है। इसके बाद भाजपा के पार्षद भारत माता की जय के नारे लगाने लगे। वहीं कांग्रेस पार्षद अजय शर्मा और आदिल मलिक ने गाजियाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध किया।

गाजीउद्दीनगर से हुआ था गाजियाबाद
गाजियाबाद की स्थापना वर्ष 1739-40 में हुई थी। गाजी-उद-दीन ने गाजीउद्दीनगर की स्थापना की थी। रेलवे स्टेशन का निर्माण होने के बाद शहर का नाम गाजीउद्दीनगर की जगह गाजियाबाद कर दिया गया था। 14 नवंबर 1976 को गाजियाबाद को जिला घोषित किया गया। इससे पहले यह मेरठ तहसील का हिस्सा था।

कौन था गाजी-उद-दीन जिसके नाम से जुड़ा गाजियाबाद
गाजियाबाद का नाम गाजी-उद-दीन खान से जुड़ा हुआ है। जिले का मौजूदा नाम मुगलशासन के दौर से जुड़ा हुआ है। तब दिल्ली की तख्त पर औरंगजेब का शासन था और गाजी-उद-दीन यहां के नवाब थे। नवाब के नाम पर ही हिंडन नदी किनारे बसे नगर का नाम गाजीउद्दीनगर रखा गया था।

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