एक अप्रैल से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सफर महंगा हो रहा है। दरअसल, नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के मुताबिक, टोल टैक्स में पांच फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है।इसके बाद से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भी सफर करना महंगा हो जाएगा। एनएचएआई ने एक अप्रैल से टोल प्लाजा पर नई दरों पर टोल फीस की वसूली करने का निर्देश जारी किया है। इससे लोगों की जेब पर बोझ बढ़ेगा।बता दें कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली के लिए एनएचएआई ने बीते साल ही नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें सराय काले खां से मेरठ के काशी टोल तक 140 रुपये टोल शुल्क तय किया गया था, लेकिन 1 अप्रैल से यह बढ़कर 155 रुपये हो जाएगा। इससे पहले 25 दिसंबर 2021 से इस एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली की योजना थी पर इसे टाल दिया गया था।
एनएचएआई ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे समेत अन्य एक्सप्रेसवे पर टोल चार्ज वसूली और रखरखाव की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि इन कंपनियों के कांट्रैक्ट के मुताबिक, हर साल एक निश्चित राशि से टोल दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से ईस्टर्न पेरिफेरल और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे समेत ज्यादातर टोल सड़कों पर टोल दरों में पांच फीसदी की बढ़ोतरी लागू की जाएगी।
कुछ स्थानों पर टोल शुल्क पांच फीसदी से ज्यादा बढ़ सकता है। दरअसल, अगर पांच फीसदी बढ़ोतरी के बाद टोल शुल्क 63, 64 या 89, 54 रुपये हो रहा होगा तो ऐसी रकम को पूर्णांक में बदल दिया जाएगा। यानी 64 की बजाय 65 रुपये, 89 की जगह 90 रुपये या इसी तरह अन्य रकम से दो-तीन रुपये ज्यादा टोल शुल्क निर्धारित किया जा सकता है। इसी तरह अगर किसी सफर के लिए 81, 51 या इसी तरह अन्य रकम तय होगी तो इसे घटाकर रकम निर्धारित की जा सकती है।