दौसा में नरेश मीणा कांग्रेस के लिए तुरुप का पत्ता, किरोड़ी लाल को ऐसे घेरेंगे पायलट

पूर्वी राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने किरोड़ी लाल के किले में सेंध लगा दी है। युवा नेता नरेश मीणा के जरिए कांग्रेस किरोड़ी लाल को घेरेगी। नरेश मीणा किरोड़ी लाल के खास रहे हैं।अब दौसा लोकसभा सीट किरोड़ी लाल के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है। बड़ा सवाल यह है कि दौसा से किरोड़ी लाल क्या बीजेपी के हैट्रिक लगवा पाएंगे? हालांकि, दौसा से बीजेपी ने अभी किसी को टिकट नहीं दिया है। लेकिन यह तय माना जा रहा है कि सांसद जसकौर मीणा को बीजेपी इस बार टिकट नहीं देगी। ऐसे में चर्चा है कि किरोड़ी के भाई जगमोहन मीणा को टिकट मिल सकता है। हालांकि, पूरी तस्वीर टिकट मिलने के बाद ही साफ हो पाएगी।

पिछली बार कांग्रेस की सविता मीणा को बहुत कम मतों से हार सामना करना पड़ा था। इस बार कांग्रेस ने नरेश मीणा के जरिए किरोड़ी के वोट बैंक में सेंध लगाई है। यदि बीजेपी किरोड़ी लाल के भाई को टिकट देती है तो मुकाबला रोचक होगा। बता दें नरेश मीणा को कांग्रेस में शामिल कराने में सचिन पायलट की बड़ी भूमिका मानी जा रहा है। दौसा सचिन पायलट की कर्मभूमि है। ऐसे में इस बार सचिन पायलट ने बीजेपी को पटकनी देने के लिए उसी के घर में सेंध लगा दी है।

सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस नरेश मीणा पर दांव खेल सकती है। हालांकिा, दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। मुरारी लाल पायलट कैंप के विधायक माने जाते है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद नरेश मीणा ने कहा कि वह पार्टी की जीत के लिए काम करेंगे। मतलब साफ है इस बार दौसा में किरोड़ी लाल को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। बता दें नरेश मीणा को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया थ। निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन बहुत कम मतों से हार गए। नरेश मीणा अब पूरा फोकस दौसा की राजनीति में कर रहे है। सियासी जानकारों का कहना है कि दौसा में उससे ही टिकट मिलेगा जिसे सचिन पायलट चाहेंगे।

युवा नेता नरेश मीणा अपने सपर्थकों के बीच छोटे किरोड़ी के नाम से जाने जाते है। ऐसे में अब बडे़ किरोड़ी की दौसा में राजनीतिक जमीन हिल सकती है। नरेश मीणा सोशल मीडिया का बड़ा चेहरा माना जाता है। जमीनी स्तर पर पकड़ मजूबत है। नरेश मीणा को कांग्रेस में एंट्री कराकर सचिन पायलट ने एक तीर से दो निशाने साधे है। पहला यह है कि किरोड़ी लाल को सियासी तौर पर नुकसान होगा। दूसरा युवाओं में मैसेज देने की कोशिश की है कि कांग्रेस युवा हितैषी है। विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। मुरारी लाल को छोड़कर गहलोत को दो अन्य मंत्री परसादी लाल और ममता भूपेश चुनाव हार गई। दौसा कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। सियासी जानकारों का कहना है कि इस बार नरेश मीणा दौसा में बीजेपी हैट्रिक रोक सकते है।

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